shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

अनु-विजय - इश्क़ बाकी है

शिव खरे "रवि"

4 अध्याय
0 लोगों ने खरीदा
5 पाठक

मेरे एक करीबी दोस्त द्वारा सुनाई गई अवनी और विजय की बेमिसाल प्रेम कहानी जिसमें प्रेम के सारे रंग हैं। दो कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स कब बहुत करीब आ गए उन्हें खुद पता नहीं चला। दोनों ने टूटकर एक दूसरे से प्यार किया। एक साधारण भोलेभाले व्यक्तित्व वाली लड़की प्यार में बदलकर एक चंचल लड़की में परिवर्तित हो गई। उसने प्यार के हर पल को खुलकर जिया। एक दूसरे के प्यार में डूबे उन दोनों को अहसास भी नहीं था कि कभी कोई ऐसा पल भी आ सकता है जब उन्हें जुदा होना पड़े। उनके इस अटूट प्यार से रश्क रखने वालों ने किस तरह की चालें चली ? क्या ये इश्क़ मुकम्मल हुआ ? पढ़ें इस बेमिसाल प्रेम कहानी में। 

anu vijay ishka baki hai

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

तेरा साथ है तो......

23 फरवरी 2022
2
0
0

विजय की बाइक हवा से बातें करती हुई चली जा रही थी। दोपहर का वक्त था। अप्रैल का महीना होने के बावजूद आसमान पर छाए बादल मौसम को खुशगवार बना रहे थे। ब्लैक कलर के पटियाला सूट में जूड़ा बांधे बाइक पर द

2

पहली मुलाकात

23 फरवरी 2022
3
1
2

" अवनी ! अवनी ! रुक ! मेरी बात सुन तो ले ! " रेखा ने पलटकर जाती हुई अवनी के पीछे जाते हुए जिद भरे स्वर में कहा।" मुझे नहीं सुननी तेरी ये फालतू की बात। " अवनी ने चलते हुए बिना मुड़े जवाब दिया।रेखा अवनी

3

इज़हार, इनकार फिर इकरार

26 फरवरी 2022
1
0
0

विजय की शिद्दत से अवनी के दिल में भी प्यार का अंकुर फूटने लगा था। विजय का उसको देखना उसे भाने लगा था। जिस दिन विजय नहीं दिखता था उस दिन अवनी बेचैन हो जाती थी और रेखा से घुमाफिरा कर विजय के बारे में पू

4

दिल की जीत

6 मार्च 2022
1
0
0

अवनी ने मना तो कर दिया लेकिन पूरे दिन कॉलेज में उसको विजय का इज़हार करना याद आता रहा।शाम को घर पहुंचने पर उसकी बेचैनी और बढ़ गई। उसकी आंखों के सामने उसका पीछा करना, घर के चक्कर लगाना, कॉलेज के गेट पर

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए