shabd-logo

शर्म कड़ाके की ठण्ड

hindi articles, stories and books related to Sharm kadake ki thand


​आज सुबह -२ एक बार फिर मनुष्य समुदाय का होने पर शर्म आयी।सुबह करीब ७:३० बजे अचानक किसी जानवर की कर्कश चीखें सुनाई दी बहार जाकर देखा तो कुछ (७-८ ) मनुष्य एक जानवर के साथ अपने मनुष्य होने का प्रमाण दे रहे थे. वह एक सूअर था("था " शब्द इसलिए क्योंकि जब ये पोस्ट टाइप

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए