बेजुबानों को बचाने की गजब साजिश चली , देखकर व्यापार मरघट को पसीना आ गया । देखते ही देखते तकनीक ऐसी आ गई , छेदकर नथुनों को हमको दूध पीना आ गया । हो गए हैं बन्द बूचड़खाने जो अवैध थे , वैध वाले हंस र
इंसाफ की बात वहीं करें जो इंसाफ करना जानते हो...आरोपों के बाद इल्ज़ाम वहीं लगाए जो खुद आरोपी न हो...आवाज़ वहीं उठाएं जो किसी की आवाज़ दबाते न हो..किसी को असफल वहीं बताएं जो खुद एक बार भी प्रयास करते हो...सलाह वहीं दें जो सलाह कभी मानते हो... अनुभव वही बताएं जो दूसरे के अनुभव को भी जानते हों... जानवर वह
हां मैं एक बेजुबान हूं, हां मैं एक बेजुबान हूं। लेकिन सोच तो सकती हूं मैं ,आखिर क्या गुनाह था मेरा,जो मार डाला उसने मुझे।मेरे गर्भ में पल रहे शिशु ने,आखिर क्या बिगाड़ा तेरा,इतनी
आज सुबह -२ एक बार फिर मनुष्य समुदाय का होने पर शर्म आयी।सुबह करीब ७:३० बजे अचानक किसी जानवर की कर्कश चीखें सुनाई दी बहार जाकर देखा तो कुछ (७-८ ) मनुष्य एक जानवर के साथ अपने मनुष्य होने का प्रमाण दे रहे थे. वह एक सूअर था("था " शब्द इसलिए क्योंकि जब ये पोस्ट टाइप