मेरी मौलिक रचना
1. कवितास्वच्छ भारत समृद्ध भारतसुंदर स्वच्छ हर गाँव शहर हो,खुशहाली हर आँगन हर पहर हो,सुर्खी धरा और गगन गुलाबी हो,सांझ ढले चन्द्रमा की लाली हो,सुंदर स्वच्छ हर गाँव शहर हो...........बजे मंदिर में घंटी,मस्जिद में अर्जाने हो,मिले गले सब प्यार दुआ में दूर गले सिखवे हो,पढ़े बढ़े सब मिलकर शिक्षित हो,चेहरों प