तू ही मेरी अज़ान है,
गीता है, कुरान है,
बातें तेरी हर लम्हे में साथ हैं,
यादें तेरी करती न मुझको उदास हैं।
सजदे करूँ, हर पल तेरे,
तेरे बिन, सुना जहान है।
तू ही................................ .
तुझसे ही मेरा दिन चढ़े,
तुझसे ही मेरी शाम ढले।
दी है तू ने इन लबों पर ,
हर पल मुस्कान है।
तू ही............................
है मोहब्बत इक इबादत,
हो खुद की या इंसान की।
तू ही रब है मेरा , हमदम,
तू ही मेरा ईमान है।
तू ही। ..................