उस अजनबी लड़की की याद आज फिर आ गयी,
गुमसुम से पड़े लबों पर मुस्कान फिर छा गयी।
चेहरे पर लिए तबस्सुम, आँखों में समन्दर,
होने लगी थी हलचल मेरे दिल के अंदर,
वो शर्मीलापन, वो हंसी की खिलखिलाहट ,
वो अचानक उसका चुप हो जाना,
वो मेरे दिल की बेचैनी की आहट।
उसकी अटखेलियां, वो सावन का मौसम,
वो बारिश में भीगना, वो झूलों का आलम.
उसका सादगी भरा मासूम सा चेहरा,
आज फिर हो गया,
मेरे दिल पर उसकी यादों का पहरा,
क्या हम कभी मिले थे ,या है सपना ये सुनहरा। ……
उस अजनबी लड़की . .......