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वैश्विक तपन के कारण और निवारण

28 अप्रैल 2018

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वैश्विक तपन के कारण और निवारण सारे विश्व में आज वैश्विक तपन की समस्या मुँह बाएं खड़ी है। वै ज्ञान िकों ने इसके कारण खोजे हैं। एक अध्ययन से पता चला कि ग्लोबल वार्मिंग का कारण कार्बनडाई आक्साइड तथा फ्लोरो कार्बन समूह की गैसों के निरंतर उत्सर्जन से ग्रीन हाउस प्रभाव के चलते दिनों दिन धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है जो चिंताजनक है। पृथ्वी के वायुमंडल में अनगिनत गैसों के घनत्व प्रक्रियात्मक रूप से बनते रहते हैं। इन गैसों में कार्बनडाईक्साइड ,ओजोन,नाइट्रस ऑक्साइड,मीथेन,आदि पाई जाती है। सूर्य की किरणें ओजोन मण्डल में बिछी ओजोन परत से छनकर पराबैंगनी किरणों से मुक्त होकर आती है। पृथ्वी पर विभिन्न संसाधन फैले हुए हैं जिन्हें ऊष्मा मिलती है औऱ पृथ्वी से अनावश्यक ऊष्मा का पलायन होता है। ग्रीन हाउस गैसों के असंतुलित होने की वजह से धरती की गर्मी बाहर नहीं जा पाती है और वैश्विक तपन में वृद्धि हो जाती है। वैश्विक तापमान को नियंत्रित करने के लिए 1959 में अमरीका के वैज्ञानिक पलास ने कार्बनडाई क्साइड व क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैसों के पर्यावरण पर पड़ते असर को दुनिया को बताया था जिसे विकसित देशों ने गंभीरता से नहीं लिया। 1979 में जेनेवा में जलवायु सम्मेलन हुआ जिसमें जिसमे वैश्विक तपन की समस्या की गंभीरता समझी गई। पर्यावरण को बचाकर वैश्विक तपन को कम किया जाएगा ये निर्णय हुआ। 83 देशों ने क्योटो प्रोटोकाल पर अपने हस्ताक्षर किए। ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का कोई इलाज नही है। मात्रा जागरूकता रख कर ही वैश्विक तपन से लड़ा जा सकता है। हमें धरती को हरी भरी बनाना होगा। प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन को कम करना होगा। हमें अपने आस पास के परिवेश को प्रदूषण से बचाना होगा। प्रदूषण मुक्त करना होगा। वैश्विक तपन पर संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने 2015 में नई जलवायु सन्धि कराई थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि वर्तमान उत्सर्जन जारी रहता है तो विश्व का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। हमें वैश्विक तपन को रोकने के लिए सी एफ सी गैसों का उत्सर्जन करना होगा। उत्सर्जन रोकने के लिए फ्रिज,एयर कंडीशनर और दूसरे कूलिंग मशीनों का उपयोग कम करना होगा जिससे सी एफ सी गैसे कम निकलेगी। कल कारखानों चिमनियों से निकलने वाला धुँआ कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है जिससे गर्मी बढ़ती है ऐसे कारखानों को प्रदूषण रोकने के लिए पाबन्द करने की आव्यशकता है। पवन ऊर्जा,सौर ऊर्जा और पन बिजली जैसे अक्षय ऊर्जा के उपायों पर ध्यान देने की ज़रूरत है। जिससे वातावरण को गर्म करने वाली गैसों पर नियंत्रण किया जा सके। उद्योगों से निकलने वाले कचरे को फिर से उपयोग में लाने की कोशिश करनी होगी। पेड़ों की कटाई रोकनी होगी और जंगलों के संरक्षण करना होगा। वाहनों से निकलने वाले धुँए का प्रभाव कम करने के लिए पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से पालन कर वैश्विक तपन को एक हद तक कम करने में कामयाबी मिल सकती है। "आओ मिलकर विश्व को हर भर बनाएं।" वैश्विक तपन के कारणों को मिलकर हम सुलझाएं।।" -कवि राजेश पुरोहित 98,पुरोहित कुटी श्री राम कॉलोनी भवानीमंडी( जिला-झालावाड़) राजस्थान

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