उनका ईश्वर पेट है!
उनका ईश्वर पेट है!उनका ईश्वर पेट है!
(फिलिप्पियों 3:19)
आज बहुत से लोगों ने पेट को अपना ईश्वर बना लिया है कोई कहता है कि पैसा ही परमेश्वर है कोई कहता पेट परमेश्वर है परंतु यह सब झूठ है केवल परमेश्वर ही परमेश्वर है!
आज इंसान रात दिन खाने के चक्कर में रहता है सबको अच्छा खाना चाहिए हमारी जीभ को
स्वाद चाहिए इसके लिए लोग रात दिन खाने के विचारों में डूबे रहते हैं खाना करीब एक-दो घंटे में बन जाता है और उसको आधे घंटे में खा लिया जाता है परंतु इसका ध्यान रात दिन हमारे दिल दिमाग पर घूमता रहता है रात को भी ध्यान आता है कि गैस का सिलेंडर खत्म होने वाला है शक्कर खत्म हो रही है सुबह सब्जी लेने जाना है कल मेहमान घर आने वाले हैं उनके लिए अच्छा खाना बनाना है सुबह का नाश्ता करते करते दोपहर की चिंता लग जाती है दोपहर को क्या बनाएं उसके बाद शाम की चिंता फिर सुबह के नाश्ते किंता दिन के 24 घंटे में अधिक समय खाना बनाने और उसके विचारों में चला जाता है !
नूह के समय का यह पाप था!
( लुका 17:27
संसार में पाप आने से पहले खाते पीने की कोई समस्या नहीं थी पीने की कोई समस्या नहीं थी आदम हव्वा फल खाते पर खाने के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते थे जब भूख लगती थी फल तोड़कर खा लेते थे आज हमको भी इस विषय पर अधिक नहीं सोचना चाहिए कुछ भी खा लो क्योंकि यह शरीर तो नाशवान है इसको कुछ भी खिलाओ तो नाश होगा भोजन पेट के लिए है पेट भोजन के लिए नहीं परमेश्वर इन दोनों को नाश करेगा!
(1कुरिन्थियोंयों 6:13)
पेट नाम का परमेश्वर झूठा परमेश्वर है यह नाश हो जाएगा पर परमेश्वर कभी मरता नहीं नाश नहीं होता एक साधु था उसने जलेबी बनती देखी और मिठाई की दुकान वाले ने कहा मुझे जलेबी खाने को दो दुकानदार ने कहा दाल चावल सब्जी रोटी लोग मुफ्त में देते हैं परंतु में मिठाई मुफ्त में नहीं दूंगा पैसे लाओ साधु ने कहा मेरे पास पैसे नहीं है दुकान वाले ने कहा सामने मकान बन रहा है वहां जाकर मजदूरी करके पैसा कमाओ फिर जलेबी खाओ!
साधु मजदूरी करने चला गया दिनभर की मकान की नींव खोदी शाम को ₹5 मजदूरी मिले साधु खुश हो गया कि अब जलेबी खा लूंगा परंतु जब वह हाथ धो रहा था तो हाथों से खून निकल रहा था हथोड़ा चला कर चला कर हाथ थक गए थे यह देखकर उसको बड़ा दुख हुआ और उसने फैसला किया कि मैं जलेबी नहीं खाऊंगा आज जलेबी के चक्कर में मेरे हाथों से खून निकल रहा कल यह जीभ और मांगेगी तो मैं ऐसे ही मर जाऊंगा!
सचमुच खाने पीने से बाहर निकले और अधिक समय प्रभु को दें पेटूपन भी एक तरह का पाप है जब हम ज्यादा खाते पीते हैं तो उसका असर हमारे लीवर और पाचन तंत्र पर पड़ता है और ज्यादा खाने से कई तरह की गैसेस हमारे शरीर बनने लगती है यह गैसेस ही एक तरह का शैतानी प्रभाव होती है जिसमें सबसे बड़ी कब्ज होती है कब्ज यदि किसी को लग जाए तो वह जल्दी ठीक नहीं होती और धीरे-धीरे शरीर को मौत की तरफ ले जाती है और एक दिन इंसान मर जाता है इसीलिए प्रभु ने कहा उपवास करो और मसीहों को सबसे ज्यादा उपवास और प्रार्थना की जरूरत होती है ताकि हमारा शरीर स्वस्थ रहें और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा होती है!
सचमुच खाने पीने से बाहर निकले और अधिक समय प्रभु को दें पेटूपन भी एक तरह का पाप है जब हम ज्यादा खाते पीते हैं तो उसका असर हमारे लीवर और पाचन तंत्र पर पड़ता है और ज्यादा खाने से कई तरह की गैसेस हमारे शरीर बनने लगती है यह गैसेस ही एक तरह का शैतानी प्रभाव होती है जिसमें सबसे बड़ी कब्ज होती है कब्ज यदि किसी को लग जाए तो वह जल्दी ठीक नहीं होती और धीरे-धीरे शरीर को मौत की तरफ ले जाती है और एक दिन इंसान मर जाता है इसीलिए प्रभु ने कहा उपवास करो और मसीहों को सबसे ज्यादा उपवास और प्रार्थना की जरूरत होती है ताकि हमारा शरीर स्वस्थ रहें और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा होती है!लेकिन यह सब वैर्थ ही है।।
प्रभु आप सबको आशीष दे!