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वजह

19 सितम्बर 2017

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दिल में अंगारो के दहकने का सबब पूछते हो ..



वजह खुद ही हो और वजह पूछते हो ...



शायर ज़िआउल हुसैन 'ज़िआ '

ज़िआउल हुसैन की अन्य किताबें

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तेरे मेरे सपने

16 मई 2017
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रहे जुदा हो गई अब अजनबी हो जायेंगे .. तेरे मेरे सपने सनम अब तू ही बता कहा जायेंगे ...!! राह में कोई नहीं तेरे यादो के सिवा हमसफ़र ...तेरी याद अब ना आई तो शायद हम मर जाएंगे ...!!! दिवार ही दिवार खड़

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भूल जाएंगे

17 मई 2017
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संभालना हमको आता है हम संभल भी जायेंगे यादो की फूल बनकर तेरे साखो पर मुस्कराएंगे बिछड़ जाने से मुहब्बत की दस्ता ख़तम नहीं होती हम याद थे हम याद है तुझे हम याद आएंगे सलामत रहे तू अपनी दुनिया में मसरूफ रहे किस्तों में करके हम भी तुझे अब भूल जाएंगे शायर

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बीती बातो में क्या रखा है

17 मई 2017
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आखिर बीती बातो में क्या रखा है...वक़्त ने गहरे ज़ख्मो को छुपा रखा है ...!! कही अश्को की तहरीरे कही दुँधली सी तस्वीरें ...कही एक बून्द ने सागर को छुपा रखा है ....!! दिल में ऐसे भी अँधेरे ना हो मेरे रब्बा ...जिन अंधेरो ने कई सूरज को छुपा रखा है ...!! चलो

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दिल ने संभल रखा है

18 मई 2017
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वो यादें है तेरी ...अमानत है मेरी ...दिल ने संभल रखा है ...!! वो तस्वीरें तेरी ...दिल में है मेरी. ..दिल ने संभल रखा है. ..! तू चली जा कही ...वो राहे है मेरी ...तेरे हर लफ्ज़ को ...दिल ने संभल रखा है. ..!! तेरे खत सभी खाक हुए ...वक़्त सभी राख़ हुए ...ह

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लिख रहा हूँ

20 मई 2017
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टूटे दिलो के तराने लिख रहा हूँ..! नाकाम मोहबत के फ़साने लिख रहा हु.... !! जो थे कभी आबाद उन दिलो के ...! ऐसे बदनसीबों के जमाने लिख रहा हु...!! हाँ एक शायर होने के नाते ...! शबनम से फूलो पे तराने लिख रह

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प्रेरणा

20 मई 2017
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मन मीत मेरे संगीत मेरे ..ये जनम जनम का नाता है .. सदियों से चली ये रीत है ..प्रेम की न कोई परिभासा है ..जो आता है वो जाता है ..यही जग से सबका नाता है ..कोई रोता है कोई मुस्काता है ..सबका एक ही जनम दाता है ..कोई रुखा खाये कोई सूखा सोये ..सब अपने भाग

7

वजह

19 सितम्बर 2017
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दिल में अंगारो के दहकने का सबब पूछते हो ..वजह खुद ही हो और वजह पूछते हो ...शायर ज़िआउल हुसैन 'ज़िआ '

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