संभालना हमको आता है हम संभल भी जायेंगे
यादो की फूल बनकर तेरे साखो पर मुस्कराएंगे
बिछड़ जाने से मुहब्बत की दस्ता ख़तम नहीं होती
हम याद थे हम याद है तुझे हम याद आएंगे
सलामत रहे तू अपनी दुनिया में मसरूफ रहे
किस्तों में करके हम भी तुझे अब भूल जाएंगे
शायर ज़िआउल हुसैन ज़िआ