बीती बातो में क्या रखा है
आखिर बीती बातो में क्या रखा है...वक़्त ने गहरे ज़ख्मो को छुपा रखा है ...!! कही अश्को की तहरीरे कही दुँधली सी तस्वीरें ...कही एक बून्द ने सागर को छुपा रखा है ....!! दिल में ऐसे भी अँधेरे ना हो मेरे रब्बा ...जिन अंधेरो ने कई सूरज को छुपा रखा है ...!! चलो