अपनी धरा, अपना गगन
खुशियों भरा अपना चमन है ।
विश्व का सिरमौर भारत
मुझे प्यारा अपना वतन है ।।
भारत के इतिहास में आज का दिन महत्त्वपूर्ण और गौरवशाली है। अंग्रेज़ी दासता से मुक्ति का यह दिन हर भारतीय के मन में एक विलक्षण खुशी लेकर आता है। हम सभी जानने हैं कि हमारा देश भारत वर्षों तक विदेशी ताकतों के अधीन रहा । विदेशी शासन की जंजीरों में जकड़ी हुई भारत माता को सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, खुदीराम बोस, अशफाक उल्ला खां और अन्य वीर सपूतों ने आजाद कराकर अपनी गाथा लिखी। आजादी की बलि बेदी पर देश के हजारों रणबांकुरों ने अपनी आहुति दी। संघर्ष की बागडोर संभालने वाले हमारे राजनैतिज्ञ और रणनीतिकारों ने देश को आजाद कराने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। महात्मा गांधी, जव्हार लाल नेहरू, गोपालकृष्ण गोखले, सरदार वल्लभ भाई पटेल और अन्य नेताओं ने देश को आजाद कराने के लिए अपना नेतृत्व दिया। वर्षों की पराधीनता के बाद 15 अगस्त,1947 को हमारा देश विश्व पटल पर एक स्वतंत्र राष्ट्र के रुप अवतरित हुआ। तब से आज तक हमारा देश 15 अगस्त को जश्ने आजादी दिन एक पर्व के रुप में मनाता चला आ रहा है। यह दिन इसीलिए अपने आप में महान है क्योंकि लंबे संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली। 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को अपने भाषण "ट्रिस्ट वीद डेस्टिनी” के साथ पंडित जवाहर लाल नेहरु ने भारत की आजादी की घोषणा की। साथ ही उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, वर्षों की गुलामी के बाद यह वह समय है जब हम अपना संकल्प निभाएंगे और अपने दुर्भाग्य का अंत करेंगे।
सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत 15 अगस्त, 1947 के बाद अपनी अलग कहानी लिखता गया। सिंधु घाटी की सभ्यता से लेकर पृथ्वी मिसाइल बनाने के बाद आज भारत एक अखंड गणराज्य के रुप स्थापित हो चुका है। आधुनिक भारत के नेताओं ने देश को एक नई दिशा और नेतृत्व दिया है जिसकी वजह से भारत वैश्विक स्तर पर भी अपनी जिम्मेदारी पूरी तन्मयता से निभा रहा है।
स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में हम सभी के लिए गर्व और खुशी का दिन है। देश की राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त की रौनक देखते ही बनती है। हमारे प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर से राष्ट्रध्वज फहराते हैं और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं। प्रधानमंत्री सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर लेते हैं।
विविध प्रांतों की राजधानियों में वहाँ के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन स्कूलों और कालेजों में तिरंगा फहराया जाता है। ''जन-गण-मन" की ध्वनि से वातावरण गूंज उठता है। गाँव-गाँव और शहर-शहर इस मुक्ति पर्व के रंग में रंग जाते हैं।
15 अगस्त 1947, भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपूर्ण दिन था, जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिए आजादी हासिल की।
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आंख में भर लो पानी।
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
हमें अपनी खुशियां मनाने का पूरा अधिकार है लेकिन इसके साथ ही हमें उनको भी याद रखना चाहिए जिन्होंने ने देश की आन बान और शान की खातिर अपने प्राणों की आहूति दी। आज हम एक नए भारत में निवास कर रहे हैं। जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, परंपरा, और संस्कृति के एक साथ रहते हैं और स्वतंत्रता दिवस के इस उत्सव को पूरी खुशी के साथ मनाते हैं। भारतीय होने के नाते हमें अपने देश गर्व करना चाहिए और यह वादा करना चाहिएं कि अपनी
मातृभूमि की रक्षा के लिए हम सदैव तत्पर रहेंगे। देश की विरासत को संभालकर कर रखने में भी हम सहयोग करेंगे। अपनी संस्कृति और सभ्यता को पुष्पित और पल्लवित करने के लिए अपना सर्वस्व समर्पण करते हुए देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए की रक्षा करेंगे। हम अपने देश के प्रति समर्पित और और ईमानदार रहेंगे।
अपने देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी ही अपने शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शहीदों की चिताओं पर
लगेंगे हर बरस मेले ।
वतन पर मरने वालों का
यही बाकी निशा होगा ।।
।। जय हिन्द - जय भारत ।।