Westland Books
Indian publisher of bestselling books, for readers of every stripe. The perfect place to talk books with readers, authors and editors! Westland Books is one of the largest English language publishers in India. Our list of titles includes popular and literary fiction, food and cooking, spirituality and self-help, Founded in 1962, Westland is an English-language trade publishing house in India. Our bestselling authors include Devdutt Pattanaik, Rujuta Diwekar, Anand Neelakantan among others. We publish print books, e-books as well as Kindle short reads. Our genres range from popular and literary fiction to business, politics, biography, spirituality, health and cookery. Since Nielsen has started their Bookscan in India — which tracks bestselling books across the country — Westland has consistently had a strong presence in the top 50 bestselling books charts.
धर्म (सार्थक जीवन के लिए महाकाव्यों की मीमांसा)
कहानियां मनोरंजक और आनंदप्रद दोनों हो सकती हैं। वे अंतर्दृष्टि और ज्ञान से भरी हो सकती हैं, ख़ासकर जब उन्होंने सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी सफ़र किया हो, और हर पुनर्कथन के साथ नए अर्थ अपनाए और छोड़े हों। इस विधा-परिवर्तक, श्रृंखला की पहली किताब में अमीश
धर्म (सार्थक जीवन के लिए महाकाव्यों की मीमांसा)
कहानियां मनोरंजक और आनंदप्रद दोनों हो सकती हैं। वे अंतर्दृष्टि और ज्ञान से भरी हो सकती हैं, ख़ासकर जब उन्होंने सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी सफ़र किया हो, और हर पुनर्कथन के साथ नए अर्थ अपनाए और छोड़े हों। इस विधा-परिवर्तक, श्रृंखला की पहली किताब में अमीश
शिवगामी कथा - बाहुबली आरम्भ से पूर्व
पांच वर्ष की अल्पायु में जब शिवगामी ने अपनी आंखों से देखा कि माहिष्मती के सम्राट ने उसके पिता को राजद्रोही घोषित कर मृत्यु का आदेश दिया है, तभी उसने प्रतिज्ञा कर ली कि एक दिन वह इस साम्राज्य का सर्वनाश कर देगी। इसी बीच, अपने कर्तव्यों पर आंख मूंदकर व
शिवगामी कथा - बाहुबली आरम्भ से पूर्व
पांच वर्ष की अल्पायु में जब शिवगामी ने अपनी आंखों से देखा कि माहिष्मती के सम्राट ने उसके पिता को राजद्रोही घोषित कर मृत्यु का आदेश दिया है, तभी उसने प्रतिज्ञा कर ली कि एक दिन वह इस साम्राज्य का सर्वनाश कर देगी। इसी बीच, अपने कर्तव्यों पर आंख मूंदकर व
मिथिला की योद्धा (सीता)
राम चंद्र श्रृंखला की दूसरी किताब सीता: मिथिला की योद्धा। एक रोमांच जो एक दत्तक बच्ची के प्रधानमंत्री बनने की कहानी दर्ज करता है। और फिर देवी बनने की।3400 ईसा पूर्व भारत मतभेदों, असंतोष और निर्धनता से घिरा था और उस दौर में जनता अपने शासकों से नफरत कर
मिथिला की योद्धा (सीता)
राम चंद्र श्रृंखला की दूसरी किताब सीता: मिथिला की योद्धा। एक रोमांच जो एक दत्तक बच्ची के प्रधानमंत्री बनने की कहानी दर्ज करता है। और फिर देवी बनने की।3400 ईसा पूर्व भारत मतभेदों, असंतोष और निर्धनता से घिरा था और उस दौर में जनता अपने शासकों से नफरत कर
अमर भारत (युवा देश, कालातीत सभ्यता)
अमर भारत में अमीश तीक्ष्ण लेखों, गहन वक्तव्यों और बौद्धिक चर्चाओं की श्रृंखला के माध्यम से भारत को एक नए रूप में समझने में आपकी मदद करते हैं। धर्म, पुराण, परंपरा, इतिहास, समकालीन सामाजिक आदर्शों, प्रशासन, और नैतिक मूल्यों जैसे विषयों पर अपनी गहन जानक
अमर भारत (युवा देश, कालातीत सभ्यता)
अमर भारत में अमीश तीक्ष्ण लेखों, गहन वक्तव्यों और बौद्धिक चर्चाओं की श्रृंखला के माध्यम से भारत को एक नए रूप में समझने में आपकी मदद करते हैं। धर्म, पुराण, परंपरा, इतिहास, समकालीन सामाजिक आदर्शों, प्रशासन, और नैतिक मूल्यों जैसे विषयों पर अपनी गहन जानक
आर्यावर्त का शत्रु (रावण)
रावण मनुष्यों में विशालतम बनने, विजयी होने, लूटपाट करने, और उस महानता को हासिल करने के लिए दृढ़संकल्प है जिसे वह अपना अधिकार मानता है। वह विरोधाभासों, नृशंस हिंसा और अथाह ज्ञान से भरपूर व्यक्ति है। ऐसा व्यक्ति जो प्रतिदान की आशा के बिना प्रेम करता है
आर्यावर्त का शत्रु (रावण)
रावण मनुष्यों में विशालतम बनने, विजयी होने, लूटपाट करने, और उस महानता को हासिल करने के लिए दृढ़संकल्प है जिसे वह अपना अधिकार मानता है। वह विरोधाभासों, नृशंस हिंसा और अथाह ज्ञान से भरपूर व्यक्ति है। ऐसा व्यक्ति जो प्रतिदान की आशा के बिना प्रेम करता है
इक्ष्वाकु के वंशज (राम )
लेकिन आदर्शवाद की एक कीमत होती है. उसे वह कीमत चुकानी पड़ी. ३4०० ईसापूर्व, भारत. अलगावों से अयोध्या कमज़ोर हो चुकी थी. एक भयंकर युद्ध अपना कर वसूल रहा था. नुक्सान बहुत गहरा था. लंका का राक्षस राजा, रावण पराजित राज्यों पर अपना शासन लागू नहीं करता
इक्ष्वाकु के वंशज (राम )
लेकिन आदर्शवाद की एक कीमत होती है. उसे वह कीमत चुकानी पड़ी. ३4०० ईसापूर्व, भारत. अलगावों से अयोध्या कमज़ोर हो चुकी थी. एक भयंकर युद्ध अपना कर वसूल रहा था. नुक्सान बहुत गहरा था. लंका का राक्षस राजा, रावण पराजित राज्यों पर अपना शासन लागू नहीं करता
वायुपुत्रों की शपथ
शिव अपनी शक्तियां जुटा रहा है। वह नागाओं की राजधानी पंचवटी पहुंचता है और अंततः बुराई का रहस्य सामने आता है। नीलकंठ अपने वास्तविक शत्रु के विरुद्ध धर्म युद्ध की तैयारी करता है। एक ऐसा शत्रु जिसका नाम सुनते ही बड़े से बड़ा योद्धा थर्रा जाता है। एक के बाद
वायुपुत्रों की शपथ
शिव अपनी शक्तियां जुटा रहा है। वह नागाओं की राजधानी पंचवटी पहुंचता है और अंततः बुराई का रहस्य सामने आता है। नीलकंठ अपने वास्तविक शत्रु के विरुद्ध धर्म युद्ध की तैयारी करता है। एक ऐसा शत्रु जिसका नाम सुनते ही बड़े से बड़ा योद्धा थर्रा जाता है। एक के बाद
मेलुहा के मृत्युंजय
जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता
मेलुहा के मृत्युंजय
जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता
नागाओं का रहस्य
मेलूहा के मृत्युंजय ने शिव और सूर्यवंशियों की कहानी का सिरा जहां छोड़ा है ठीक वहीं से नागाओं का रहस्य की कहानी आगे बढ़ती हैं। नागाओं ने शिव के मित्र बहृस्पति की हत्या की और अब उसकी पत्नी सती की जान के पीछे पड़े हुए हैं। क्रूर हत्यारों की जाति नागाओं के
नागाओं का रहस्य
मेलूहा के मृत्युंजय ने शिव और सूर्यवंशियों की कहानी का सिरा जहां छोड़ा है ठीक वहीं से नागाओं का रहस्य की कहानी आगे बढ़ती हैं। नागाओं ने शिव के मित्र बहृस्पति की हत्या की और अब उसकी पत्नी सती की जान के पीछे पड़े हुए हैं। क्रूर हत्यारों की जाति नागाओं के
भारत का रक्षक महाराजा सुहेलदेव
भारत, 1025 ईस्वी ग़ज़नी के महमूद और उसके बर्बर तुर्क गिरोहों के लगातार हमलों ने भारत के उत्तरी इलाकों को कमज़ोर कर दिया था। हमलावरों ने उपमहाद्वीप के बहुत बड़े इलाके को बर्बाद करने के लिए छीना-झपटी, हत्या, बलात्कार और लूटपाट का सहारा लिया। कई पुरा
भारत का रक्षक महाराजा सुहेलदेव
भारत, 1025 ईस्वी ग़ज़नी के महमूद और उसके बर्बर तुर्क गिरोहों के लगातार हमलों ने भारत के उत्तरी इलाकों को कमज़ोर कर दिया था। हमलावरों ने उपमहाद्वीप के बहुत बड़े इलाके को बर्बाद करने के लिए छीना-झपटी, हत्या, बलात्कार और लूटपाट का सहारा लिया। कई पुरा