17 दिसम्बर 2017
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ऐ यार ! तू मदद कुछ इस तरह से कर,कि तेरी उधारी और मेरा कर्ज एक साथ चुकता हो जाये|
गरीबी इस कदर मेरे देश मे है यारों,कि जिन्दगी मोहताज़ है दो वक्त की रोटी के लिए...
तेरी दहलीज पर हम बैठे कुछ इस कदर जैसे मंदिर के बाहर कोई दीन,क्या करें हम भी दिल लगता ही नहीं तेरे बिन..
बहुत हो गई बकवासचलो अब काम करते हैं,तुम आराम करो और हम नाम करते हैं।
मेरी बर्बादी देख कर हँस रहे थे वो, और उनकी हसीं देख कर बर्बाद हो रहे थे हम.