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kuchsawal

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कुछ सवाल जिंदगी के

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कुछ सवाल जिंदगी के

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मेरी बर्बादी

14 जून 2018
2
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मेरी बर्बादी देख कर हँस रहे थे वो, और उनकी हसीं देख कर बर्बाद हो रहे थे हम.

बकवास शायरी

21 दिसम्बर 2017
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बहुत हो गई बकवासचलो अब काम करते हैं,तुम आराम करो और हम नाम करते हैं।

तेरे बिन

17 दिसम्बर 2017
3
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तेरी दहलीज पर हम बैठे कुछ इस कदर जैसे मंदिर के बाहर कोई दीन,क्या करें हम भी दिल लगता ही नहीं तेरे बिन..

गरीबी

4 फरवरी 2017
4
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गरीबी इस कदर मेरे देश मे है यारों,कि जिन्दगी मोहताज़ है दो वक्त की रोटी के लिए...

सोचता हूँ आज फिर बच्चा बन जाऊ....

21 जनवरी 2017
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सोचता हूँ आज फिर बच्चा बन जाऊ,बड़ो की इस दुनिया से आजाद हो जाऊ| आज फिर दोस्तों की महफ़िल सजाउ,वही पुराने किस्से दोहराउ, बड़े होकर कुछ बनने की कहानी सुनाऊ,सोचता हूँ आज फिर बच्चा बन जाऊ...आज फिर उन पुराने दोस्तों के बिच खेल ने जाऊ,और फिर सुबह से शाम बस खेलता जाऊ, माँ क

मदद

21 जनवरी 2017
3
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ऐ यार ! तू मदद कुछ इस तरह से कर,कि तेरी उधारी और मेरा कर्ज एक साथ चुकता हो जाये|

किसे में असली समझू

22 नवम्बर 2016
3
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किसे में असली समझू... तेरे उन बेबाक़ शब्दों को.. या उन चुप होंटो को, तेरे उन शोर मचाते झगड़ो को.. या उन गुपचूप से मासूम आँसुओ को, किसे में असली समझू ...तेरे बार-बार नाराज होने को..या तेरे भेजे उन रोमांटिक गानों को,किसे में असली समझू.

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