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27/8/2022 :- धार्मिक उन्माद

27 अगस्त 2022

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प्रिय सखी ‌।
कैसी हो ।हम अच्छे है ।कल शब्द टीम का वेबिनार का विडियो यूट्यूब पर देखा ।काफी रिकार्डिंग कटी हुई है पर फिर भी अच्छा लगा सब देखकर । धीरे धीरे मंच तरक्की कर रहा है तो खुशी होती है ।
कल तो मैट्रो से देहली शोप जाना पड़ा। पतिदेव आउट आफ स्टेशन थे। बहुत थकावट हो गयी थी हमे।सच रात जब शब्द का वेबिनार देखा तो थकान उतर गयी।एक बात और बताऊं।एक बार मेरा नोएडा की तरफ जाना हुआ था हमने सुना है शब्द का आफिस उधर ही है सच मे एक अपनेपन का अहसास हो रहा था कि हमे ना सही हमारी रचनाएं तो यहां तक पहुंच पाई।
अब आज का विषय "धार्मिक उन्माद"
बेहद रोचक विषय है।हमे पता है हमारे देश मे लोग झूठा दम्भ भरते है कि हम धर्मनिरपेक्षता को मानते है पर सबके दिलों में अपने अपने धर्म के अलाव जल रहे है ।हर कोई यही चाहता है कि दूसरे धर्म का आकर उसके अलाव पर रोटियां सेंक ले।मतलब धर्म परिवर्तन कर के उसके धर्म का हो जाए।इसी खैंच तान मे धार्मिक उन्माद होते है।जब हर व्यक्ति अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ माने गा तो धार्मिक उन्माद होंगे ही।
दूसरा कुछ लोगों को जो राजनीति में है उनका काम ही यही होता है लोगों को धर्म के नाम पर लड़वाना।इससे जनता तो मूर्ख बन जाती है और उनका उल्लू सीधा हो जाता है।
हम जब छोटे थे तो एक घटना हमे याद आ रही है हुआ यू था कि:- हमारे जानकार बताते थे कि एक बार एक मौलवी साहब और एक पंडित मे गहरी दोस्ती थी ।और दोनों ही अपने धर्म के पक्के थे।एक दिन दोनों रास्ते मे मिलें और आपस मे बतियाने लगे "भाई काम धंधा कैसा चल रहा है ।"पंडित ओर मौलवी एक दूसरे से बोले ।जवाब मे दोनो ने ना मे सिर हिलाया कि काम धंधा तो मंदा चल रहा है और दोनों ही एक दूसरे को उपाय बता कर अपनी अपनी राह हो लिए।
अगले दिन किसी ने मस्जिद मे सूअर का मांस फेंक दिया।और मंदिर मे गाये का मांस रखा मिला।फिर क्या था जो धार्मिक उन्माद हुआ ।इतने लोग की जान जाने के बाद वो थमा। मौलवी और पंडित की चांदी हो गयी । कोई मस्जिद मे उपाय पूछने आता तो कोई मंदिर मे प्रसाद चढ़ाने।
ताजातरीन उदाहरण।डेरा सच्चा सौदा,आशा राम बापू,संत रामपाल है।जो शायद मेरी नजर मे गुरु कहलाने लायक़ ही नही है। इसलिए कोई मुझ से पूछता है कि तुम्हारे गुरु कौन है तो मैं बोल देती हूं"भगवान "
अब चलती हूं सखी ।मेरे इस लेख से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगे तो मै क्षमा चाहती हूं।जो मेरे मनके विचार थे वो मैने बताएं।अब अलविदा।
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रचनाएँ
दैनंदिनी सखी (अगस्त)
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सखी की सखी से बात ,इन त्योहारों का साथ ,मन के जज्बात क्या बात, क्या बात , क्या बात । अब के माह कुछ विशेष है सखी बताएं गे समय पर।
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प्रिय सखी।कैसी हो ।हम बस ठीक ही है। थोड़ा दुःखी है ।मंच की तो कोई गलती नही है पर वैसे ही बस मन दुख रहा है ।"पुस्तक लेखन प्रतियोगिता जून" का प्रमोशन पीरियड कल रात बारह बजे खत्म हो गया है ।हमे अचरज हो र

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3/8/2022

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प्रिय सखी।कैसी हो।मै बस अच्छी ही हूं। मनोभाव आहत थे पर थोड़ी मलहम पट्टी शब्द टीम की तरफ से अनजाने मे ही हमारे आहत मनोभावों पर हो गयी ।डायरी लेखन प्रतियोगिता में हमे प्रथम स्थान मिला तो वही पहली ही बार

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4/7/2022

4 अगस्त 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै अच्छी ही हूं ।वही दैनिक कार्यक्रम चल रहा है घर से देहली शोप और शोप से घर।बस इसी भागदौड़ मे लिखने का समय ही नही मिलता।बस सफर मे कुछ ऐसा दिख जाता है जिसको देखकर बहुत बार मन लिखने क

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6/8/2022

6 अगस्त 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै अच्छी हूं दो दिन से घर पर ही हूं । थोड़ी तबियत ठीक नही रहती पतिदेव की।पता नही कुछ डिप्रेशन की समस्या हो गयी है शायद।आज कल काम धंधा तो है नही खास अच्छे से अच्छा व्यक्ति भी इस बीमार

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8/8/2022

8 अगस्त 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै अच्छी ही हूं। बस पतिदेव की बीमारी से परेशान हूं।अब घर के मुख्य सदस्य ऐसे हो छाए तो हम पर और बच्चों पर क्या असर पडेगा।घर की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ जाएगी।पर कहते है उपर वाले की रजाम

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प्रिय सखी।कैसी हो ‌‌‌आज मन बहुत प्रसन्न है । जबकि तबीयत बहुत खराब है बुखार और कोल्ड हो गया है पर फिर भी मन प्रसन्न है ।खुशी तब मिलती है जब आप किसी मंच से जुड़ें हो और आप कोई सुझाव दे और वो मंच उ

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प्रिय सखी।कैसी हो।मै अच्छी हूं।अब की बार काफी दिनों बाद मुलाकात हुई क्या करूं तबीयत नासाज थी ।नही नही हमारी तो ठीक हो गयी थी दो दिन मे बस पतिदेव की तबीयत ठीक नहीं थी।सोई अवकाश ही नही मिला।आज थोड़ा समय

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17 अगस्त 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।मै अच्छी हूं ।अब ठीक हूं ‌‌‌पता नही इस महीने क्या हुआ है । हमारी तुम्हारी मुलाकात सही से हो ही नही पा रही है ।कभी हम बीमार तो कभी पतिदेव।आज घर पर ही थी सोचा आज तुम से मिलूंगी लेकिन

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हैलो सखी ।कैसी हो।मै अच्छी हूं।अबकी बार तो हर रोज मुलाकात संभव ही नही हो रही है ।दो से तीन दिन का अंतर हो ही जाता है ।अब तुम्हें पता है सखी मै कितना व्यस्त रहती हूं।सुबह सुबह भाग दौड़ लगी रहती है। फिर

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29/8/2022 अवैध निर्माण

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30/8/2022। हरितालिका तीज

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