हेट स्पीच।मतलब भड़काऊ भाषण।
दैनिक प्रतियोगिता में इस विषय पर लिखना है ।अब हमने भड़काऊ भाषण तो बहुत से सुने है राजनीति मे।पर ये सब हमारी समझ से बाहर है आज कोई नेता दूसरे नेता के विषय मे भड़काऊ भाषण दे देता है पर थोड़े ही दिनों मे उसी से हाथ मिलाता दिखाई देता है।ये तो हो गयी सत्ता की होड़ कोई सत्ता को पाने के लिए होड़ मे है तो कोई सत्ता के मद मे भड़काऊ भाषण देता है ।
पर असलियत मे जब कोई किसी के लिए भड़काऊ बात बोलता है तो उसके जीवन पर कितना असर पड़ता है आइए एक कहानी के माध्यम से जाने।
निशा नयी नयी शादी करके ससुराल आयी थी ।जब उसकी सगाई हुई थी तो पतिदेव हर रोज फोन करते थे जिससे उसे अपनी ससुराल मे सभी के स्वभाव का कुछ कुछ पता चल गया था।उसे ये भी पता चल गया था कि सास कर्कश है।मतलब तेज स्वभाव की है । निशा के ससुर बहुत छोटी उम्र मे भगवान को प्यारे हो गये थे।सास ने ही पति,देवर,ननद को अकेले ही पाला था । कुछ छोटी उम्र मे विधवा होने से सारे मन के अरमान मन ही मे रह गये।
जब निशा शादी करके ससुराल आयी तो कुछ दिन तो उसकी सास का स्वभाव ठीक रहा लेकिन कहते है मुखौटा कितने दिन लगा रहता ।सास की करकशता सामने आ ही गयी।उसे निशा का अपने पति से बोलना, पास बैठना तक भी नही सुहाता था। क्यों कि उसके पति के जाने के बाद जो अरमान दिल मे ही दफन हो गये थे उसे वो बहू पूरे कर रही थी तो उससे देखे नही जाते थे।
निशा के पति भी इसलिए मां की ही तरफदारी करते कि कही मां को बुरा ना लग जाए।धीरे धीरे निशा की जिंदगी नीरस होती चली गयी।
एक दिन तो हद ही हो गयी ।निशा को प्रेगनेन्सी का पहला दौर चल रहा था सारा दिन उसकी तबीयत खराब रहती थी सास ने उसे कोई काम करने को बोला तो निशा ने मना नही किया बस ये कह दिया,"मम्मी जी ,अभी ये काम मुझ से नही हो रहा है। थोड़े दिनों बाद कर दूंगी।बस उस की सास को तो ये अपना बहुत बड़ा अपमान लगा ।उसने तो हंगामा ही कर दिया निशा के पति दुकान से आये तो वह बाहर ही बैठ गयी ताकि उसका बेटा आये तो वो उसके पहले ही कान भर दे।और वही काम हुआ जैसे ही उसके पति आये निशा की सास ने रो रो कर अपना दुखड़ा सुनाया। निशा सुन रही थी,"भाई बहुत बदमाश है ये ।तू इसे हर रोज दो सवेरे मारा कर और दो शाम को ये जब सीधी रहेगी।"मतलब ये कि निशा के पति को इतना भड़का दिया कि उसने निशा की प्रेग्नेंसी का भी ख्याल नही किया और उसका पक्ष सुने बिना ही उसे रुई की तरह धुन दिया।
निशा को बहुत बाद मे पता चला कि उसकी सास उसके पति को हर रोज भड़काती थी।जिसका निशा की गृहस्थी पर इतना असर पड़ा कि आज वो बीस साल बाद भी बच्चों के बड़े होने के बाद भी पति की मार खाती है।
पता नही इन सांसों को क्या मजा आता है एक बहू की जिंदगी को नर्क बनाने मे।वही काम इनकी बेटी के साथ हो जाए तो ये लड़ने पहुंच जाएगी ससुराल तक भी बेटी की ।अरे जब तुम अपनी बेटी का दुःख नही देख सकती तो बहू के लिए दुःख का कारण क्यों बनती हो।