प्रिय सखी।
कैसी हो। तुम्हें और मेरे पाठकों को हरितालिका तीज की बहुत बहुत बधाई। वैसे ये तीज बिहार और यूपी में ज्यादा मनाया जाता है। मुझे इसके विषय में ज्यादा पता तो नही है पर मै इसके विषय मे जो जानती हूं वो बताना चाहूंगी।
पहले बात मंच की ।सखी कल की एक बात बताऊं।कल क्या हुआ हमारे साथ ।हम तुम से मुलाकात कर के हटे ही थे कि हमने अपने 24 तारीख के लेख पर टिप्पणी देखी जो महज दस मिनट पहले दी गयी थी । बहुत कुछ लिखा गया था हमारे विषय मे। लेकिन हमने उनकी समीक्षा भी सर आंखों पर ली। लेकिन ताज्जुब इस बात का रहा पहले तो महोदय का प्रोफाइल ही नही खुल रहा था फिर जब हमनें समूह मे बात उठाई तो आनन फानन मे अकाउंट वेरीफिकेशन हो गयी और दैनिक प्रतियोगिता में हिस्सा भी ले लिया गया।हमे ये समझ नही आया अच्छे से अच्छा लेखक भी एक बार जरूर पूछता है शब्द के विषय मे कि कैसे प्रतियोगिता में हिस्सा लूं या कैसे अपनी रचना पोस्ट करूं।और इन महाशय के पहले ही दिन इतने लाईक और व्यू आ गये कुछ समझ नही आया।
चलो छोड़ो हम उनको उनके हाल पर छोडते है।आज की दैनिक प्रतियोगिता का विषय है *"हरितालिका तीज "
मुझे ये पता है ये त्यौहार मुख्यत बिहार मे ज्यादा मनाया जाता है । महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए और लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए ये व्रत रखती है ।तीन पहर तक बहुत कठोर व्रत रखती है । प्रदोष काल मे पूजन, रात्रि जागरण और सुबह सूर्योदय होने पर व्रत खोलती है।सच मे ये है व्रत रखना ।वरना आजकल की जनरेशन करवाचौथ का व्रत भी कम ही रखती है ।किसी किसी नवयौवनाओं का ये मत होता है कि शादी से पहले कैसे जिन्दा रहे आदमी लोग और कुछ कहती है अगर करवाचौथ से पति की लम्बी उम्र हो तो कोई मरे ही ना।
लेकिन फिर भी आस्था वान लोग तो ये व्रत करते ही है।अब मै आप को मेरे जीवन मे मिली तीन महिलाओं के विषय मे बताती हूं जो मूलतः बिहार से है ।जो हरितालिका तीज का व्रत करती थी ।एक औरत खराब चरित्र की थी वो ढोंग करके पति के सामने व्रत का नाटक करती और जब वो आफिस चला जाता तो पीछे से खा लेती थी खाना। मैंने ऐसे ही पूछ लिया,"भाभी आज तो आप का व्रत नही था?"
वो मुंह बिचका कर बोली,"हूं हूऊऊ इसके नाम का व्रत रखूगी।"
दरअसल वो हमारे सामनेवाले घर मे रहती थी।
दूसरी मेरी सहेली है जिससे हरितालिका तीज का कठोर व्रत नही होता तो उसने इस व्रत को करवाचौथ व्रत के साथ स्विच ऑफ कर लिया।
तीसरी भी हमारी इस कालोनी मे ही रहती है ।वो महिला पूरे मनसे और आस्था से व्रत करती है पूरे तीन दिन कठोर तपस्या करती है ।और सच मे वह हर तरीके से सुखी है।
अब हमे इतना ही पता है इस व्रत के विषय मे कि इसमे शिव पार्वती की पूजा होती है।और व्रत वाले दिन जिस दिन ये निर्जला व्रत रखती हे पूरे नाक से लेकर पूरे सिर की मांग तक सिन्दूर लगाती है। हरितालिका तीज करने वाली मेरी बहनों अगर कुछ गलती हो मेरी जानकारी में तो क्षमा। क्यों कि ये इंटरनटिया ज्ञान नही है जो जिंदगी मे अनुभव किया वही सांझा किया।
अब चलती हूं सखी । अलविदा।