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पहचान

28 जनवरी 2018

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इस रस भरे संसार मे देख चलती लाश बडा़ शर्मिंदा हूं पर हमारे आकड़ों में तुम जिंदा हो मै जिंदा हूं फितरतें हमारी हम बने फुरसत मे कभी फिर स्वागत करता नभ है जिसका तुम भी वही परिदां हो मै भी वही परिदां हूं।

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