*पुण्यभूमि भारत से ही मानव जीवनोपयोगी ज्ञान सम्पूर्ण पृथ्वी पर फैला था | इसीलिए भारत को विश्वगुरु कहा जाता था | भारत को विश्वगुरु बनाने में हमारे ऋषि - महर्षियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है | हमारे मनीषियों ने प्रकृति को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए उसी से ज्ञानार्जन करने का प्रयास किया और अपने उसी ज्ञान को