वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए इस बात को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है। कि जिन लोगों की आवाजों को आसानी से दबा दिया जाता था । उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। कुछ वंचित और पिछड़े तबके के लोग
सोशल मीडिया: वरदान या अभिशाप? सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, जिससे हमारे जुड़ने, संचार करने और जानकारी साझा करने के तरीके में क्रांति आ गई है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट
हम आधुनिक युग को इंटरनेट युग कहे तो यह गलत नहीं होगा। इंटरनेट ने हमें प्रगति का मार्ग दिखाया है और साथ ही सोचने समझने की क्षमता का भी विकास किया है। इंटरनेट पर शॉपिंग, सर्फिंग, चैटिंग, ब्लॉगिंग व लेखन