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आक्रोश

13 नवम्बर 2021

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आक्रोश मतलब गुस्सा किसी  के प्रति गुस्सा ,कड़वी भाषा में लड़ना,
गुस्सा करना ,झगड़ना ,
तेज तेज बोलना अपना गुस्सा दिखाना,
गलत बातों के प्रति झूठ, फरेब, धोखा, आपके अधिकारों का हनन, इनके प्रति दिखाया गया आक्रोश सही है ।
मगर कभी-कभी देखने में आता है कुछ लोग अपने ही लोगों को नहीं समझ पाते हैं और उनके प्रति अपने मन में बहुत आक्रोश भर के रहते हैं। और जिंदगी भर वही चलता रहता है। उसमें एक सही गलत सब भूल जाते हैं। और वह आक्रोश सब पर हावी हो जाता है।
आक्रोश विषय को सार्थक करती मेरी कहानीः वे दो बहने थी और दो भाई थे मां बाप के लिए तो चारों बराबर थे उन्होंने चारों में कोई फर्क नहीं समझा मगर समय के साथ पहले उनकी परिस्थिति बहुत अच्छी नहीं थी तो जो बड़े भाई और एक बड़ी बहन जब तक  जब तक दसवीं क्लास में आए तब तक घर की स्थिति काफी कमजोर होने के कारण उनके  माता पिता उनकी सारी जरूरत मुश्किल से पूरी कर पाते थे और उनको जितना जरूरत है उतना सामान भी बहुत मुश्किल से मिलता है समय के साथ उनकी परिस्थिति सुधरी और छोटे वाले दोनों भाई बहन आए दोनों भाई बहनों के समय में परिस्थिति सुधरने से उनको अपने समय में हर चीज के लिए इतना परेशान नहीं होना पड़ा और हर चीज आसानी से मिल जाती थी मगर वह बात बड़े दोनों भाई बहनों को कम हजम होती थी उनको ऐसा लगता था यह छोटे हैं इसलिए मां-बाप इनको ज्यादा प्यार करते हैं इसीलिए इनको सब चीजें लाकर देते और हम मांगते थे तो हम को हमेशा मना करते थे जब उनके मां बाप ने देखा यह दोनों भाई बहन बहुत ही नाराज रहते हैं उनसे तू एक दिन उन्होंने शाम के समय दोनों आपको अकेले बिठाकर अलग-अलग बिठाकर के उनसे बात करी तू दोनों ने गुस्से में जो उनके मन में था जितना आक्रोश था छोटे भाई बहनों के प्रति और मां-बाप के प्रति वह सब बताएं तब मां बाप ने उनको अपनी स्थिति बताएं कि उस समय तुम भी जानते हो घर की स्थिति क्या थी तो हम घर घर इतना मुश्किल से चला रहे थे तो तुमको सब चीजें कैसे लेकर आते अब अपना काम भी अच्छा चलने लग गया है तुम्हारी मां ने भी नौकरी करी और घर को अच्छे से चलाने लगे हैं पैसा ज्यादा आने लगा है तो सब की जरूरत है अच्छी तरह पूरी होती हैं अब हम तुमको भी मना नहीं करते हैं तो तुम इतना गुस्सा क्यों रखते हो अपने छोटे भाई बहनों की प्रति यह आक्रोश ठीक नहीं यह समय समय की बात है उन बच्चों को अच्छी तरह समझ आने पर उनको बात समझ आई फिर दोनों ने आपस में बात करी और उनका मां-बाप के प्रति और अपने भाई-बहनों के प्रति आक्रोश खत्म हुआ और सब लोग बहुत प्यार से रहने लगे।
कभी-कभी मन में गलतफहमी पाल लेने से  परेशानियां बहुत बढ़ जाती हैं और दूरियां बहुत बढ़ जाती हैं उनको बात करके अच्छी तरह एक दूसरे को समझ कर के दूर किया जा सकता है इसको कहते हैं इन कम्युनिकेशन गेप या  संवाद विहीनता अगर हम अपने गुस्से के बारे में बात ही नहीं करेंगे तो वह कैसे दूर होगा उसका कारण कैसे जाएगा।


रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बात तो सही है, पर कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं, जिनके मन में एक बार जो बात बैठ जाये वही सही है। फिर चाहे सामने वाला पत्थर पर सिर फोड़ कर उनके सामने मर जाये, वे तब भी नहीं समझते। सादर 🙏🏻 🌹 🙏🏻

26 दिसम्बर 2021

Vimla Jain

Vimla Jain

26 दिसम्बर 2021

आप सही कह रही हैं धन्यवाद

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मेरी किताब में मेरे द्वारा लिखी गई विविध कहानियों का संग्रह है सभी कहानियां कुछ ना कुछ संदेश देती हुई हैं

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