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आओ खेले खेल:मैं चीनी तुम भारत

7 सितम्बर 2021

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😀व्यंग कविता

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आओ खेले खेल:मैं चीनी तुम भारत

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दो दोस्त भानू और चानू

मिले बहुत दिन बाद आपस में

चानू बोला~

चल  एक  खेलते हैं

"मैं चीनी तुम भारत"

भानू बोला~

यह कैसा खेल है..?

चानू बोला~

मैं तेरे से प्रश्न पूछूंगा

तुझे उसका जवाब देना होगा

फिर तू प्रश्न पूछना

और मैं जवाब दूंगा

भानु बोला~

ठीक है

चानू ने कहा~

मैं चीनी तू भारत

अब मेरे प्रश्न का तू जवाब दे

अगर मैं तेरे को एक झापड़ लगाऊं

तो अपना दूसरा गाल भी

मेरे आगे कर देगा तू

और मेरे से कहेगा

मार ले दूसरा भी झापड़

बोल, सही बोला न मैंने..?

भानू बोला~

तू मूर्ख है

ये उन्नीस सौ बासठ नहीं

बीस सौ इक्कीस है

और गांधी जी की ये बातें

अब इतिहास का पन्ना है

नया फार्मूला ये है

कि ईट का जवाब पत्थर से दो

और  धौंस ज़माने के लिए

अगर गाल पर

कोई एक थप्पड़ मारे

तो उसकी पूरी गर्दन मरोड़ दो..!

अब प्रश्न पूछने का नंबर भानु का था

उसने चानू से पूछा

अगर मैं अचानक तेरी दोनों आंखें नोच लूं

तब क्या करेगा तू..?

भानु के इस प्रश्न को सुनते ही

चानू इतनी तेज़ भागा

इतनी तेज भागा

कि भानु उसे पकड़ न पाया

भानु चिल्लाकर बोला~

तू भाग क्यों रहा है

मैं तेरी आंखें नहीं नोच रहा हूं

क्योंकि ये तो सिर्फ खेल है..

चानू हाँफते हुए बोला~

मुझे नहीं खेलना है कोई खेल

क्योंकि  खेल खेल में भी

अक्सर हादसे हो जाते हैं

और अपनी  मूर्खता के कारण

कभीकभी अपने ही पैरों पर

हम कुल्हाड़ी मार लेते हैं..!

~विजय कांत वर्मा

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सर जी सादर प्रणाम ।बहुत सुंदर रचना ।

7 सितम्बर 2021

Vijaykant Verma

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7 सितम्बर 2021

धन्यवाद

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