शिक्षक के व्यवसाय का महत्त्वशिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक के व्यवसाय का ऐसा ही महत्त्व है जैसे कि ऑपरेशन करने के लिए किसी डॉक्टर अर्थात सर्जन का महत्त्व होता है। शिक्षक सिर्फ समाज ही नहीं बल्कि राष्ट्र की भी धूरी है। समाज व राष्ट्र सुधार और निर्माण के कार्य में उसकी महती भूमिका होती है। शिक्षक ही शिक
चाय में शक्कर नहीं डाला करो,मुस्कुराकर सामने प्याला करो।अक्स तेरा दे रहा है तृप्ति जबक्या जरूरी दूध भी डाला करो।