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बहु बनने की कीमत(भाग:-1)

18 फरवरी 2022

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रेमन अपनी छत के एक कोने में दीवार के सहारे बेठी
हुई अपने अतीत की यादों में खोयी हुई।वो इस कदर
यादों में डूबी हुई उसको ये भी भान नहीं कब शाम से
रात हो गई।
रेमन अपने घर में सबकी दुलारी ओर बहनों की जान।
रेमन पे उसकी सब बहनें जान छिड़कती।पाँच बहनों 
में रेमन सबसे छोटी।रेमन के माँ-बाप ने अपनी पाँचों
बेटियों को बेटों की तरह पाला-पोसा।उनके दिल में
कभी भी ये बात नहीं आती कि उनके केवल बेटियां हैं।
रेमन के माँ-बाप की यहीं सोच ओर विचार कि बेटियां
बेटों से कम नहीं।उनके लिए उनकी बेटियां ही बेटे।
रेमन की बडी़ चारों बहनों की शादी अच्छे घरों में हो
रखी थी।सब अपने घर-संसार में खुश होती।
रेमन के पापा सरकारी अध्यपाक जिनकी सैलरी भी
काफी होती।
एक दिन रेमन की बडी़ बहन कोमल ने अपने पापा
यशवीर के पास फोन किया।
कोमल,हैलो पापा।
यशवीर,हाँ बेटा कोमल कैसी हैं तू ।बच्चे ,तेरे सास-ससुर
जमाई जी सब ठीक हैं ना।
कोमल ,अरे पापा एक साथ इतने सवाल ।
यशवीर ,हँसते हुए अरे बेटा पूछना तो चाहिएँ ना ।
कोमल ,जी पापा,मैने आपको एक काम से फोन किया
हैं।
यशवीर,बोलों बेटा क्या काम।तुम हुक्म दो।अभी मिनटों
में कर दूँगा अपनी लाडो़ का काम।
कोमल,अरे !पापा सुनों तो ये काम थोडा़ अलग हैं।ये
अपनी रेमन से जुडा़ हुआ काम हैं।
यशवीर,रेमन से जुडा़ हुआ काम।मैं कुछ समझा नहीं।
कोमल,इसमें इतना समझने वाली क्या बात पापा।अपनी
रेमन के लिए मेरी नजर में एक लड़का है।लड़के की माँ
ने कई बार मेरे से कहा भी हैं कि तेरी बहन रेमन का मेरे
बेटे रोहन से रिश्ता करवा दें।
यशवीर,लड़का करता क्या ,कैसा घर-परिवार।
कोमल,पापा लड़का फौज में हैं ।दो भाई हैं ओर एक बहन
जिसकी शादी हो चुकी।लड़का दिखने में ठीकठाक हैं।
जमीन भी 6एकड़।कुल मिलाके ठीक हैं अपनी रेमन
के लिए ये लड़का ओर घर।
यशवीर,ठीक हैं बेटा,तेरी माँ ओर रेमन से बात करता 
हूँ।फिर जबाव दूँगा।
कोमल,ठीक हैं पापा रखती हूँ फोन।
यशवीर अपनी पत्नी अनीता को,अरे रेमन की माँ जरा
यहाँ आओं ।
अनीता ,जी बोलिए ।
यशवीर,अपनी कोमल का फोन आया ,रेमन के लिए 
लड़का बता रही।ओर तो ओर रिश्ते की बात लड़के
की माँ ने खुद कही हैं।लड़का फौज में,जमीन भी कुल 
-मिला के ठीक घर हैं।
अनीता,एकबार रेमन से भी पूछ लें,उसकी जिंदगी का
सवाल हैं।
यशवीर ,बुलाओं रेमन को ।आज दिखी भी नहीं कहाँ 
हैं।
अनीता,अजी वो पढने में बिजी।
अनीता,रेमन बेटा जरा यहाँ आओं कुछ काम तेरे से।
रेमन,आई माँ।
रेमन,ऐसा भी क्या काम आप दोनों इतना मुस्करा रहे।
कहीं आप लोगों के दिमाग में मेरे खिलाफ खिचडी़ तो
नही पक रही।
यशवीर,खिचडी़ वो भी तेरे खिलाफ ऐसा हो ही नही
सकता मेरी नखरीली लाडो ।😀
अनीता,बात ये हैं रेमन तेरे लिए कोमल ने एक लड़का
बताया हैं।लड़का फौजी हैं,ज्यादा बडा़ परिवार भी नहीं।
रेमन,आप बडे़ हो आप ओर दीदी की पंसद मेरी पंसद।
अनीता,लड़का शादी के बाद तेरे को साथ रखेगा ।ये
बात खुद लड़के की माँ ने कहीं हैं।
यशवीर,फोन करके कोमल को सब बता देते हैं।
कोमल,पापा 2दिन बाद लड़का छुटटी आने वाला ।आप
आके लड़का देख जाना।वो क्या हैं ना पापा लड़का मेरा
देखा हुआ नहीं।हमने तो गाँव में रहना कुछ महीनों
पहले शुरू किया।(कोमल अपने पति के साथ दिल्ली 
रहती थी पहले)
यशवीर ,ठीक हैं बेटा में सोमवार को आ जाऊँगा।
कोमल ,ओके पापा।
सोमवार को यशवीर स्कूल से छुटटी ले लेते हैं ,ओर 
रेमन के लिए लड़का देखने जाते हैं।
यशवीर,लड़के को देखते हैं,ओर नौकरी ,पोस्ट के बारे
में पूछताछ करते हैं।
जगजीत(लड़के का बाप)कैसा लगा आपको हमारा
बेटा चौधरी साहब।
यशवीर ,ठीक हैं जी ,रंग का क्या देखना भगवान ने
दो ही रंग दिये हैं गोरा ओर काला।मैं सूरत से ज्यादा
सीरत को पसंद करता।ओर यहीं मेरी बेटियों के विचार
हैं।आपको मैं बता देता हूँ मेरे केवल पाँच बेटियां हैं।
कल को कहीं आप ये बोलो की बिन भाई की हैं।ये बात
मेरे से सहन नही होगी।सब पहले बताना ठीक समझता
मैं।
ओर हाँ आपकी कोई डिंमाड़ हैं तो वो भी बता दीजिए।
मैं डिमांड़ वाले घर में अपनी बेटी देना पसंद नही करता।
जगजीत,ना जी हमारी कोई माँग नहीं।जो आप दोंगे
वहीं हमको स्वीकार होगा।
रामा(लड़के की माँ) जो वहीं बैठी हुई होती।
ठेठ हरियाणवी में बोलती हैं,के बात करों सो थाम चौधरी
म्हारी माँग कोनी कोई।छोरी छोरे के जोग(जोडे़)की 
चाहिएँ।वो बात न्यूँ स छोरा फौज म स न तो बहू 
सुधरी हो बस।
यशवीर,अच्छा जी लड़के की फोटो दे दीजिए।ओर 
आपका जब दिल करे लड़की देखने आ जाना।
यशवीर ,अच्छा जी राम राम।
जगजीत ,राम राम जी।
घर आके यशवीर सब बातें बताता हैं ओर लड़के की
फोटो दिखाता हैं।
अनीता फोटो रेमन को दे देती हैं ।रेमन को रोहन पंसद
आ जाता हैं।सावंला रंग ओर नैन-नक्श सुदंर रोहन के।
रेमन रंग -रूप के बजाय सीरत ओर इंसान के गुण
देखने वाली लड़की।
रेमन बीसीयों बार फोटो को देख के खुश हो रही मन
ही मन।
2दिन बाद लड़के के माँ-बाप रेमन को देखने आते हैं।
रामा,कै नाम स छोरी तेरा।
रेमन,जी रेमन।
रामा,घर का काम आव स  क कौनी तनै।
रेमन ,जी सब काम कर लेती हूँ मैं।
रामा,आच्छा तेरी सनद दिखा तो हमको।
रेमन ,मन ही मन बड़बडाती हुई बहू चाहिए या कलेक्टर।
अजीब ओरत हैं।रेमन सनद लाके रामा को पकडा़ देती 
हैं।
रामा सनद लेके जहाँ जगजीत ओर यशवीर बैठे जाती 
हैं ।
रामा,जगजीत से ,ल्यों जी ये सनद देखों।कितने नंबर
स छोरी क।
यशवीर ,जगजीत को सब नबंर बता देते हैं।
रामा,अग्रेंजी में कितने नबंर स।
जगजीत,48हैं।
रामा ,अग्रेजी में तो थोडे़ नबंर स।
न्यूँ करो थाम इन सनदों की फोटोस्टेट ओर लड़की 
की फोटो दे दो हमनै।रोहण देख लेगा।
म्हारे तो छोरी पंसद स।
रामा ,रेमन से ला अपनी नाप की अगूँठी दे दें।
रेमन ,अंगूँठी निकाल के रामा को दे देती हैं।
यशवीर सनद की फोटोकापी ओर रेमन की फोटो जगजीत
को दे देते हैं।
यशवीर,एकबार लड़का ,लड़की भी एक-दूसरे को देख
ले ,हम चाहते हैं।
जगजीत ,जी जरूर।
रामा,जी या बात तो छोरे त पूछ क बता देगे कल आपको।
जगजीत,रामा,हमको रेमन पसंद हैं।
अनीता,जी एकबार रोहन ओर रेमन देख ले एक-दूसरे
को।
रामा ,जी घर जाकै बतावागे।
जगजीत अच्छा जी चलते हैं राम ,राम।
यशवीर,अनीता दोनों हाथ जोड़ के अभिवादन करते हैं।

क्रमश:-
Vishal

Vishal

nice part

25 फरवरी 2022

p.k

p.k

26 फरवरी 2022

thanks ji🙏

1
रचनाएँ
बहू बनने की कीमत
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एक कहानी सत्य घटना पे आधारित हैं।इसमें एक लड़की की शादीशुदा जिंदगी के बारे में बताया गया हैं।

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