इंसाफ का मंदिर है ये गीत ऑफ अमर (1 9 54): यह दिलीप कुमार, निम्मी, मधुबाला और जयंत अभिनीत अमर का एक सुंदर गीत है। यह मोहम्मद रफी द्वारा गाया जाता है और नौशाद द्वारा रचित है।अमर (Amar )इन्साफ का मन्दिर है येभगवन का घर है क्ष (३)कहना है जो कह दे तुझेकिस बात का डर हैहै खोत तेरे मन्न में जोभगवन से है दूर
ना मिल्ता गम टू बारबाडी के अफसेन गीत ऑफ अमर (1 9 54): यह दिलीप कुमार, निम्मी, मधुबाला और जयंत अभिनीत अमर का एक प्यारा गीत है। यह लता मंगेशकर द्वारा गाया जाता है और नौशाद द्वारा रचित है।अमर (Amar )हो तमन्ना लुट गयी फिर भीतेरे दम से मोहब्बत हैमुबारक़ गैर को खुशियाँमुझे ग़म से मोहब्बत हैना मिलता गम तो बर
ना शिवा है कोई ना कोई गिला है गीत ऑफ अमर (1 9 54): यह अमरिप दिलीप कुमार, निम्मी, मधुबाला और जयंत अभिनीत अमर का एक प्यारा गीत है। यह लता मंगेशकर द्वारा गाया जाता है और नौशाद द्वारा रचित है।अमर (Amar )न शिकवा है कोई न कोई गिला हैन शिकवा है कोई न कोई गिला है क्ष २सलामत रहे तू यह मेरी दुआ हैन शिकवा है क
'अमर' 1 9 54 की हिंदी फिल्म है जिसमें दिलीप कुमार, निम्मी, मधुबाला, जयंत, उल्हास, मुराद, मुकरी और हुसैन बनू प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे पास 3 गाने के गीत और अमर के 3 वीडियो गाने हैं। नौशाद ने अपना संगीत बना लिया है। लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी ने इन गीतों को गाया है जबकि शकील बदायुनी ने अपने गीत