आंखो में आंसु देख जिसने ममता को छाव में छुपा लिया
जिसने दुख के झरोखे से खीच के अपने पास बुला लिया।
सपने अपने दबाकर जो मेरे सपने बुनती रही
अपने दर्द की दुहाई जो वक्त से करती रही।
जिसने मुझे अपने लहू से सींचा हो,
मैं आज जो भी हूं उसकी परवरिश का ही नतीजा हूं
जो अपने दुख मै भी मेरे दर्द दूर करती रही ।
जिसको अपनी खुशी सिर्फ मुझमें ही दिखती रही
खुदा ने मां की ममता कुछ इस कदर बनाई है,
जो पत्थर को भी पिघला दे
उस कदर उसमे प्यार की रूमानियत छुपाई है
खुदा ने खुद से बेहतर कोई फरिश्ता बना डाला
उस हस्ती को दर्द मत देना
जिसने तेरे लिए सब कुछ कर डाला है।
जिसने अपने थूक से ही अपनी प्यासे बुझा ली हो
जिसने अपने बालो को बेच ही तेरी भूखे मिटा दी हो
जो खुद रोज मर मर कर तुझे जीना सिखाती रही।
जो खुद कौडो की मार के निशान लिए। तुझे प्यार की थपकी सुलाती रही
जिसने तूझे उड़ते पंछी का अरमान दिखाया।
तुम छू सकती हो आसमां ऐसा तुममें विश्वास जगाया
जिसके साथ बिताया हर लम्हा यादगार होता है
जिसके आंचल में ढेर सारा प्यार होता है
मां के बिना ये कैसे मजबूरी है
पता चला मां के बिना हर किसी की जिंदगी की सुनहरी कहानी अधूरी है।।
- अंशिका यादव