जिन्दगी देने वाले की क्या दास्तां थी किसी के यहां खुशियों की झोली। किसी के यहां गम की बरसात थी
धुंधली आंखो में कुछ ख्वाब थे
जिन्हे चाहिए था सहारा वो अरमान थे
जाने कैसे वो मंजर थे
दुखो के बवंडर थे
जाने किस दिल के अंदर वो दर्द दफन थे
एहसासों की लड़ियों से या ख्वाबों की दुनिया से
चलती जमी पर आसमां को छूने के
पता नही नन्ही सी आंखो में कोनसे कफन थे
जाने किस दिल के अंदर वो दर्द दफन थे
कल होगी सुबह नए जन्म की तरह
या रौद जायेगा कोई उसे आखिरी सांस की तरह
छूट जाएगा सांसों में लिपटा हुआ ख्वाब
कौन होगा दफनाने के लिए इस बार
जाने वो कैसे दर्द थे
जाने किस दिल के अंदर वो दर्द दफन थे
रोती रही आंखे किस अंधेरे कमरे में
देख भी नही पाया उसे कोई उजाले किरणों में
अनदेखा कर देते है लोग उन बातो को
उन्हे लगता है, जो बिगाड़ देंगे उनके हालातों को
जिंदगी सबकी खुशियों से भरी नहीं होती
पर कोशिश कीजिए क्योंकि ऐसी कोई धूप नहीं
जिसके बाद बरसात नहीं होती।।