0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
आज मौसम में कुछ खामोशी थी। हवा धीरे धीरे चल रही थी ।मौसम थोड़ा सर्द था। मैंने देखा ...तीखी चुभीली हवाओं के एहसास के साथ एक बूढ़ी औरत पथराई सी आंखों से एकटक शून्य को ताकती हुई ,जर्जर काया पर एक झीनी सी