गुलामी की जंजीरगुलामी की जंजीरों को न तोड़ पाए हैं, न तोड़ पाएंगे।पहले धरती गुलामी की जंजीरों से जकड़ी जा रही थी।और कोई न मिली फसल उगाने को तो नील उगाई जा रही थी।कोई उस वक्त को समझ न पाया, कोई बन्दी बनकर , कारागार की काल कोठरी में रात गुजर कर बहन बेटियों को बन्दी बना लेते, या प्यार के जाल में फसा कर अ
फेसबुक पर इन दिनों एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है। इस पोस्ट में लिखे फोटो कैप्शन में अंग्रेजी की कुछ इस कदर धज्जियां उड़ाई गई हैं कि पढ़ने वाला हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाएगा। इस तस्वीर को पोस्ट करते समय लिखा गया "शी इज माई न्यू पांव"इस तस्वीर को पोस्ट करते समय लिखा गया- वेटि
हिंदी हमारी मात्र् भाषा है, लेकिन अन्ग्रेज़ी ना तो मात्र्भाषा है ना ही राष्ट्रभाषा !हमारा देश दुनिया के सम्रदतम देशों में से एक है जहाँलगभग ३०० से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं किन्तु हमारे संविधान ने इनमें से२२ भाषाओं को संरक्षण प्रदान कि
नमस्कार संजय जी, आज तक के तेज चैनल पर आप जी की पत्रकार वाली कहानी सुनी बेशक आप एक महान पत्रकार हैं इस कारण और कुछ लोगों को यह कहानी मजेदार लगी होगी क्योंकि वो कहानी का ए
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,क्योंकि इनके उच्चारण के समयध्वनिकंठ से निकलती है।एक बार बोल कर देखिये |च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,क्योंकि इनके उच्चारण केसमय जीभतालू से लगती है।एक बार बोल कर देखिये |ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए,क्योंकि इनका उच्चारण जीभ केमूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।एक बार बोल कर द