Mai simple house wife and working woomen hu. Bacpan sae kahani likhnae ka shauk tha. Par kar nahi paaye. Lakin aab likhaegae. Pleae like and comments.
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हर रिश्ते का नाम हो, यह जरूरी तो नहीं! कुछ बेनाम रिश्ते, रुकी हुई जिंदगी को साँसे दे जाते है!!
एहतियात बहुत जरूरी है! चाहे सड़क पार कर रहे हो या हद!!
हम नहीं कहते हमें जिंदगी का हिस्सा बनाए रखना, दूर रहकर भी दूरियां ना लगे इतना रिश्ता बनाए रखना।
इंसान की सफलता उसके हाथों की लकीरों में नहीं , बल्कि उसकी मेहनत और पसीने में होती है।
सीखते रहे उम्र भर, लहरों से लड़ने का हुनर... हमें कहां पता था कि, किनारे भी कातिल निकलेंगे।
असंभव वह नहीं जो हम नहीं कर पाते! असंभव वह है जो हम करना नहीं चाहते।
किसी भी *रिश्ते* को कितनी भी खूबसूरती से क्यों ना बांधा जाए.....अगर नजरों में इज्जत ...और बोलने में लिहाज....नही, तो वह टूट ही जाता है। अरे साहब अब तो लोग नेकी भी उसी उम्र में करते है
टूट जाते हैं अक्सर वो रिश्ते..जिनको निभाने की कोशिश, एक तरफ से की जाती है।
जिंदगी के 60 बसंत देख चुकी हूं और अब लगभग जिंदगी की सभी इच्छाएं भी पूर्ण हो चुकी है क्योकि बेटा-बहू मल्टीनेशनल कम्पनी में करोडों के पैकेज में और बेटी-दामाद अपना निजी नर्सिग होम चला रहे है। एक भरेप
सबको एक बेहतरीन जिंदगी जीने के लिए यह स्वीकार करना भी जरूरी है कि सबको सब कुछ नहीं मिल सकता!! खुद से प्यार करना शुरू कर दीजिए फिर देखना सारा जहां भी आपको अच्छा लगने लगेगा!! समझदारी वह कलश है