कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्बत करने वालों की ।।
।कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्बत करने वालों की ।।।कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्बत करने वालों की ।।।।
किसी अनकहा कि जो लफ्जों से कुछ नहीं कहते लेकिन उसकी मोहब्बत बयां हो जाती है।
कौन होता है वह अपनी मोहब्बत से किसी को इतना अपना बना लेता है ।
क्या किसी की चाहत में इतनी दम होती है।
जो किसी अनजाने के दिल व दिमाग को अपने वश में कर लेता है।
कौन वह मजनु है जो किसी लैला से इतनी मोहब्बत करता है।
उसके बिना जीना भी मुश्किल हो जाता है।
क्या सिर्फ एहसास ही काफी होता है किसी की नींद छुड़ाने के लिए।
कौन है वह मजनू जो किसी लैला से इतनी मोहब्बत करता है।
यह मेरा ख्याल नहीं मेरी एहसास है।
किसी अनकहे मोहब्बत की महसूस है।
वो वक्त था सुबह का।
जब मैं जगी हुई खिड़की के पास खड़ी थी।
बाहर जोरदार हवा व पानी गिर रही थी ।
ये हवा कितनी पत्तियों को गिरा रही थी ।
वो पानी की छींटे मेरे मन को अपने आगोश में ले रही थी ।
मैं तेरिस पे गई और बिल्कुल भीग गई थी।
हवा में दुपट्टा लहरा रही थी, और मेरी जुल्फ उड़ रही थी ।
मुझमे मस्तियां छा रही थी ।
बिल्कुल उसी पत्ते की तरह मुझे भी बेजान बना रही थी ।
उस दिन हवा में अलग सी चुभन थी।
तभी मुझसे हवा टकराई और एक अलग एहसास करा गई ।
मानो कानो में कुछ कह रही हो।
मेरी मन को अपने साथ उड़ा ले गई ।
बिल्कुल उसी तरह जैसे कोई पत्ती टूट कर जमीन पर पड़ा हो और हवा अपने साथ उड़ा ले जाती है।
ये एहसास किसका था जो हवाओं में मिला था।
वह किसका अनकहा प्यार था जो हवाओं के जरिए पैगाम भेजा था ।
कौन था ,कौन था वह जिसका सिर्फ एहसास आया था ।
बावरी हो गई थी मैं उस दिन से जब से किसी ने हवाओं के जरिए पैगाम भेजा था ।
दिन का चैन रात की नींद खो गई थी।
ख्यालो मैं सिर्फ उसी का एहसास था।
दिमाग कशमकश में थी ,
सपनों में उसका रोज आना, मुझे एहसास दिलाना और बिन पता बताएं लुप्त हो जाना ।
फिर घंटों नींद का ना आना
ये क्या था किसी की अनकही मोहब्बत या फिर अनजानी मोहब्बत।
कौन था वह ,कौन था वह जो इस हीर से इतनी मोहब्बत करता था ।
जो उसका एक एहसास ही इस हीर के दिल को धड़का गया था।
क्या था वो एक सच्ची मोहब्बत या फिर सपना ,या एक भ्रम ।
क्या था वो ?
👸✍️😌❤️
जमशेदपुर