shabd-logo

common.aboutWriter

ज्योति मिश्रा बीए की छात्रा हूं और कविता लेखन व कहानी लेखन की इच्छा रखती हूं और लिखती भी हूं

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

common.kelekh

ये मेरी मोहब्बत

21 फरवरी 2022
1
0

ये आशिक तेरा आवारा तेरी सादगी पर मरता है सच कहता हूं आज भी दिल से मोहब्बत करता हुं ये जालिम जमाने का तुझे क्या दस्तूर पता  मेरी मोहब्बत को  बे हलाल कहता है सुनता हूं जब मैं दिल की बे-मौत सा मरता हूं

जिम्मेदारी

9 जनवरी 2022
1
1

कभी - कभी देखती हूं हाथों के लकीरों को । क्या लिखा है इसमें, ना सुबह की चैन ना शाम को आराम लिखा है । बस चलते रहना ही हमारा काम लिखा है । वक्त को बदलते देखा है हमने अक्सर परिस्थितियां भी बदल जाया करती

विषय -: विपत्ति से विचलित एक महिला की दुख भरी पुकार

7 सितम्बर 2021
6
1

<p>घनघोर विपत्ति आई है</p> <p>घनघोर विपत्ति आई हैघनघोर विपत्ति आई है</p> <p>एक तरफ कोरोना तो दूसरी त

अनकहा मोहब्बत या अनजानी मोहब्ब्त

4 सितम्बर 2021
8
1

<p>कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्बत करने वालों की ।।</p> <p>।कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्ब

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए