0.0(0)
5 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
<p>कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्बत करने वालों की ।।</p> <p>।कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्ब
<p>घनघोर विपत्ति आई है</p> <p>घनघोर विपत्ति आई हैघनघोर विपत्ति आई है</p> <p>एक तरफ कोरोना तो दूसरी त
कभी - कभी देखती हूं हाथों के लकीरों को । क्या लिखा है इसमें, ना सुबह की चैन ना शाम को आराम लिखा है । बस चलते रहना ही हमारा काम लिखा है । वक्त को बदलते देखा है हमने अक्सर परिस्थितियां भी बदल जाया करती
ये आशिक तेरा आवारा तेरी सादगी पर मरता है सच कहता हूं आज भी दिल से मोहब्बत करता हुं ये जालिम जमाने का तुझे क्या दस्तूर पता मेरी मोहब्बत को बे हलाल कहता है सुनता हूं जब मैं दिल की बे-मौत सा मरता हूं