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अनकहे शब्द

rahul awasthi

2 अध्याय
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कुछ बातें जो कह नहीं पाते उनको कहने का समय निकल जाता है तब लगता है की शायद उस समय कह लेते तो अच्छा होता. मगर अब वो बातें बस मन में विचरण करती है. और अपनी अलग दुनिया में मगन रहती है. जो कह नही सके जरूरी था मगर चुप रह गए ये सोचकर फिर कभी फिर कभी फिर न मौका मिला, न मुलाकात हुई, बात मन में जो थी मन में ही रह गयी तुम मिले जो कभी सब समझ जाओगे बोलूंगा कुछ नहीं, सुनूंगा कुछ नहीं.  

ankahe shabd

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क्या बात है.... बेहतरीन पंक्तियां। मैं चाहूंगी आप इसे और आगे बढ़ाएं.... और आगे लिखें, क्योंकि पंक्तियां बेहतरीन है... इसे आराम से आगे बढ़ाया जा सकता है।🌸🙏🏻

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