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महान ब्रह्मावर्त

22 अगस्त 2015

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featured imageहमारा ब्रह्मावर्त महान ! श्री विष्णु ने नाभि कमल से ब्रह्मा को जन्माया, करो सृष्टि रचना बिठूर में उत्तम क्षेत्र बताया, ब्रह्माजी ने यज्ञ शक्ति से किया सृष्टि निर्माण I हमारा ब्रह्मावर्त महान ! अखिल विश्व का केंद्र बिंदु यह ब्रह्मावर्त कहाता, गड़ी जहाँ ब्रह्मा की खूंटी, जन-जन शीश झुकाता, निकट इसी के आरक्षित हैं श्री लव कुश का बाण I हमारा ब्रह्मावर्त महान ! रामाज्ञा से लखन लाल ने यहीं सिया को छोड़ा, सेवक ने स्वामिनी से मानो त्रण सा नाता तोड़ा, वाल्मीकि आश्रम में पाया सीता ने सम्मान I हमारा ब्रह्मावर्त महान ! मुक्त हस्त हो मुक्ति बांटता माँ गंगा का पानी, लिखी यहीं पर वाल्मीकि ने पावन राम कहानी, यहीं जननि सीता ने जाये लव कुश से बलवान ई हमारा ब्रह्मावर्त महान ! व्यास पुत्र शुकदेव यहीं थे परमहंस वैरागी, अरे यहीं पर ध्रुव की, त्याग तपस्या जागी, वातावरण यहाँ का लगता जैसे स्वर्ग समान I हमारा ब्रह्मावर्त महान ! इस धरती में अवश्य है कुछ विशेष आकर्षण, वरदानों से दीप्तमान सा लगता इसका कण-कण, अन्तराल में निश्चित इसके भरा हुआ विज्ञान I हमारा ब्रह्मावर्त महान ! तपोभूमि यह ऋषि मुनियों की दिव्य भव्य औ अनुपम, यहाँ नोन-कल्याणी-गंगा है तीनों का संगम, चांदी जैसी रात यहाँ की, सोना भरा बिहान I हमारा ब्रह्मावर्त महान ! -विकास वाजपेई जवाहर नगर, कानपुर प्रस्तुति: अनूप कुमार शुक्ल
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रचनाएँ
salilsudha-
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हिन्दी

21 अगस्त 2015
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तुलसी की भक्ति का संबल पा, मर्म की बात बतावत हिन्दी Iसूर की आँखिन में बसि कै, ब्रज बीथिन रास रचावत हिन्दी Iरसखान के अंतस में बसि के, नित प्रेमसुधा बरसावत हिन्दी Iनित स्नेह-सनेही में डूबी हुई, पथ सैकड़ों को दरसावत हिन्दी Iबड़ी बेटी कहावत संस्कृत की, मन मोहनि रूप बनावत हिन्दी Iअवधी ब्रज भोजपुरी बनती, जन

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साहसी बालक

21 अगस्त 2015
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शुभ वर्षा का समय मेघ नभ में छाये थे,त्रण संयुत थी भूमि दृश्य भी मन भाये थे Iथा शुभ प्रात: काल विहग उड़ते बहु सुन्दर,शीतल मंद सुगन्ध सनी थी पवन मनोहर Iनिज-निज शय्या त्याग शौच से छुट्टी पाकर,चले निरावन खेत कृषक मन में हर्षा कर Iपुस्तक ले निज हाथ चले बालक पाठशाला,कर ईश्वर का ध्यान यती-जन फेरे माला Iदेखो

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महान ब्रह्मावर्त

22 अगस्त 2015
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हमारा ब्रह्मावर्त महान !श्री विष्णु ने नाभि कमल से ब्रह्मा को जन्माया,करो सृष्टि रचना बिठूर में उत्तम क्षेत्र बताया,ब्रह्माजी ने यज्ञ शक्ति से किया सृष्टि निर्माण Iहमारा ब्रह्मावर्त महान !अखिल विश्व का केंद्र बिंदु यह ब्रह्मावर्त कहाता,गड़ी जहाँ ब्रह्मा की खूंटी, जन-जन शीश झुकाता,निकट इसी के आरक्षित

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