हमारा ब्रह्मावर्त महान !
श्री विष्णु ने नाभि कमल से ब्रह्मा को जन्माया,
करो सृष्टि रचना बिठूर में उत्तम क्षेत्र बताया,
ब्रह्माजी ने यज्ञ शक्ति से किया सृष्टि निर्माण I
हमारा ब्रह्मावर्त महान !
अखिल विश्व का केंद्र बिंदु यह ब्रह्मावर्त कहाता,
गड़ी जहाँ ब्रह्मा की खूंटी, जन-जन शीश झुकाता,
निकट इसी के आरक्षित हैं श्री लव कुश का बाण I
हमारा ब्रह्मावर्त महान !
रामाज्ञा से लखन लाल ने यहीं सिया को छोड़ा,
सेवक ने स्वामिनी से मानो त्रण सा नाता तोड़ा,
वाल्मीकि आश्रम में पाया सीता ने सम्मान I
हमारा ब्रह्मावर्त महान !
मुक्त हस्त हो मुक्ति बांटता माँ गंगा का पानी,
लिखी यहीं पर वाल्मीकि ने पावन राम कहानी,
यहीं जननि सीता ने जाये लव कुश से बलवान ई
हमारा ब्रह्मावर्त महान !
व्यास पुत्र शुकदेव यहीं थे परमहंस वैरागी,
अरे यहीं पर ध्रुव की, त्याग तपस्या जागी,
वातावरण यहाँ का लगता जैसे स्वर्ग समान I
हमारा ब्रह्मावर्त महान !
इस धरती में अवश्य है कुछ विशेष आकर्षण,
वरदानों से दीप्तमान सा लगता इसका कण-कण,
अन्तराल में निश्चित इसके भरा हुआ विज्ञान I
हमारा ब्रह्मावर्त महान !
तपोभूमि यह ऋषि मुनियों की दिव्य भव्य औ अनुपम,
यहाँ नोन-कल्याणी-गंगा है तीनों का संगम,
चांदी जैसी रात यहाँ की, सोना भरा बिहान I
हमारा ब्रह्मावर्त महान !
-विकास वाजपेई
जवाहर नगर, कानपुर
प्रस्तुति: अनूप कुमार शुक्ल