देश राहू , प्रदेश रहू
बा बसु धरा धन धाम
तैयो हरदम मोने परत
अप्पन घर आ गाम l
सुख सौं रहब पहिरब बढियें
ठाठ बात` बरु नीक रहत
चिक्कन चुनमुन खायब बढियें
तैयो गामे मोन परत l
मोन परत ओ गामक पोखैर
जाहि भरल करमी केचुली ,
जॉ कनियो के मोन परत
नहीं नीक लगत इन्वर्टर बिजली l
मोन परत जॉ गाम तोँ पहिने
नजरि उठत गामक इस्कूल .,
जाहि सौं बढियां नीक लगई नहीं ,
ई शहरी अंगरेजिया स्कूल l
पेंट शर्ट जूता चप्पल सौं
नीक लगैछ गामक धरिया ,
बरु मोन के शांत करू ते,
लगत की ओहि सौं बढियां 'l
तैं कहलथि बरका बाबू जे
सुनु यो बोउवा ध्यान सौं
मन में कनियो ध्यान रहय तोँ
ध्यान दियौ निज गाम पर l
मातृभूमि सन किछु नहीं दोसर
नहीं अछि कोनो दीन दुनियां
रसगुल्ला सौं बढ़िकेँ दोसर
भ सकैछ की नीक बुनिया l
मजबूरी में चैल गेलौं जॉ
ते की छुटत देश हमर ,
उरई जाइछ जॉ परबा तोँ
की घुरि नै आबैछ ओ अप्पन घर l...................