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आरोग्य प्रदायक प्राकृतिक रंग बनाने की सरल विधियाँ

7 मार्च 2023

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 केसरिया रंगः पलाश के फूलों से यह रंग सरलता से तैयार किया जा सकता है । पलाश के फूलों को रात को पानी में भिगो दें । सुबह इस केसरिया रंग को ऐसे ही प्रयोग में लायें या उबालकर होली का आनंद उठायें । यह रंग होली खेलने के लिए सबसे बढ़िया है। शास्त्रों में भी पलाश के फूलों से होली खेलने का वर्णन आता है । इसमें औषधिय गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह कफ, पित्त, कुष्ठ, दाह, मूत्रकृच्छ, वायु तथा रक्तदोष का नाश करता है । रक्तसंचार को नियमित व मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के साथ ही यह मानसिक शक्ति तथा इच्छाशक्ति में भी वृद्धि करता है ।

सूखा हरा रंगः मेंहदी या हिना का पाउडर तथा गेहूँ या अन्य अनाज के आटे को समान मात्रा में मिलाकर सूखा हरा रंग बनायें । आँवला चूर्ण व मेंहदी को मिलाने से भूरा रंग बनता है, जो त्वचा व बालों के लिए लाभदायी है ।

सूखा पीला रंगः हल्दी व बेसन मिला के अथवा अमलतास व गेंदे के फूलों को छाया में सुखाकर पीस के पीला रंग प्राप्त कर सकते हैं ।

गीला पीला रंगः एक चम्मच हल्दी दो लीटर पानी में उबालें या मिठाइयों में पड़ने वाले रंग जो खाने के काम आते हैं, उनका भी उपयोग कर सकते हैं । अमलतास या गेंदे के फूलों को रात को पानी भिगोकर रखें, सुबह उबालें ।*

 लाल रंगः लाल चंदन (रक्त चंदन) पाउडर को सूखे लाल रंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। यह त्वचा के लिए लाभदायक व सौंदर्यवर्धक है । दो चम्मच लाल चंदन एक लीटर पानी में डालकर उबालने से लाल रंग प्राप्त होता है, जिसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलायें ।

 पीला गुलाल : (१) ४ चम्मच बेसन में २ चम्मच हल्दी चूर्ण मिलायें । (२) अमलतास या गेंदा के फूलों के चूर्ण के साथ कोई भी आटा या मुलतानी मिट्टी मिला लें ।*

पीला रंग : (१) २ चम्मच हल्दी चूर्ण २ लीटर पानी में उबालें । (२) अमलतास, गेंदा के फूलों को रातभर भिगोकर उबाल लें ।

 जामुनी रंग : चुकंदर उबालकर पीस के पानी में मिला लें ।

काला रंग : आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रातभर भिगोयें ।

 लाल रंग : (१) आधे कप पानी में दो चम्मच हल्दी चूर्ण व चुटकीभर चुना मिलाकर १० लीटर पानी में डाल दे । (२) २ चम्मच लाल चंदन चूर्ण १ लीटर पानी में उबाले ।

 लाल गुलाल : सूखे लाल गुडहल के फूलों का चूर्ण उपयोग करें ।

 हरा रंग : (१) पालक, धनिया या पुदीने की पत्तियों के पेस्ट को पानी भिगोकर उपयोग करें । (२) गेहूँ की हरी बालियों को पीस लें ।

 हरा गुलाल : गुलमोहर अथवा रातरानी की पत्तियों को सुखाकर पीस लें ।
भूरा हरा गुलाल : मेहँदी चूर्ण के साथ आँवला चूर्ण मिला लें ।

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