कुपंथी औलादआज के दौर में पुत्र माता पिता को, सदा दे रहे गालियां घात की।वो नहीं जानते नाज से थे पले, मन्नतों से हुए गर्भ से मातु की।ढा रहे वो सितम और करते जुलममारते मातु को और धिक्कारते।डांट फटकार कर एक हैवान बनवृद्ध माँ बाप को घर से निकालते।नौ महीने तुझे गर्भ में माँ रखी, उंगली उसकी पकड़ तू चला हाँथ
बेटा – मुझे शादी नहीं करनी!! मुझे सभी औरतों से डर लगता है!पिता- कर ले बेटा! फिर एक ही औरत से डर लगेगा, बाकी सब अच्छी लगेंगी।पिता बेटे पर गुस्सा करते हुए – एक काम ढंग से नहीं होता तुझसे , तुम्हें पुदीना लाने के लिए कहा था और तुम ये धनिया ले आए , तुझ जैसे बेवकूफ को तो घर से निकाल देना चाहिए बेटा: पापा
#बाप_दिवस- __________ पितृ/ बाप दिवस प्रसिद्धि फादर्स डे के रूप में पाया है, बाप -वाह वाह ऐसा शब्द जो कोई बोलकर अपना सीना 95 सेंटीमीटर फूला महसूस करने लगता है , ★रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं (सब सुने होंगे) लेकिन इस शब्द के गर्त में कितने त्याग,कर्तव्य,दायित्व छिपे हैं वह सिर्फ बाप समझता