कोई लौटा दो मुझे वो दोस्त सारे
जो खेले थे साथ हमारे
लड़ते झगड़ते भी थे एक दूसरे से
फिर भी खुश थे सारे
कहा चले गये वो दिन हमारे
अब गाँव वीरान सा लगता है
अपने ही घर में मेहमान सा लगता है
क्यों हो गये अलग थलग सारे
कहा चले गये वो दिन हमारे
खेलने को बहोत थे खिलोने सारे
खिलोने तो अब भी मिल जाते
अब दोस्त नहीं मिल पाते इकट्ठे सारे
कहा चले गये वो दिन हमारे
अब ज़माना पहले से बदल सा गया है
लोगो के बीच प्यार कम सा गया है
सभी अपना समय बिता रहे मोबाइल के सहारे
कहा चले गये वो दिन हमारे
बस मुस्कुरा देता हूँ याद करके
वो बचपन के दिन सारे
कुछ लिख लेता हूँ इन्हीं यादो के सहारे
बीत गए वो बचपन के दिन हमारे
रवि सागर