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एक ख्याल आया जो मन में,
डाल दिया तुमने उलझन में
मिले जो तुम ऐसे डगर में,
भूल गया सब पल भर में
💛💛💛💛💛💛
आसमान छूने की ललक थी उसमे,
संघर्ष की एक झलक थी उसमें
सबसे अलग एक कोहिनूर है वो,
अपने पिता का गुरूर है वो
💛💛💛💛💛💛
ऐसा लगा एक अनजान सी परी मिल गई,
मुझे मेरे दिल की डायरी मिल गई
सुना था ऐसा कुछ फिल्मों में,
आज हक़ीक़त में मुझे शायरी मिल गई
💛💛💛💛💛💛
जब तक थे वो साथ मेरे,
न थी कोई उम्मीद के फेरे
जब वो लगे बिछड़ने हमसे,
रोक न पाया खुद को खुद से
💛💛💛💛💛💛
तुम कौन हो ये किसे बताऊं,
खुद अनजान हूँ मैं क्या सुनाऊँ
कहो तो मै तुम्हे अपनी दुनिया बनाऊं
फिर मैं तुम पर हक़ जताऊँ .........
♥️♥️♥️♥️♥️♥️
रवि सागर ....... ✍️