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गर मुक़म्मल इश्क़ राधा की पहचान बन जाती राजसी महलों में रहकर मीरा की शान बन जाती तो हवायें छोड़ देतीं यूँ मुफ़त में ज़िंदगी देना और बना साँसों के ये दुनिया समशान बन जाती गर मुक़म्मल इश्क़.....