गर मुक़म्मल इश्क़ राधा की पहचान बन जाती
राजसी महलों में रहकर मीरा की शान बन जाती
तो हवायें छोड़ देतीं यूँ मुफ़त में ज़िंदगी देना
और बना साँसों के ये दुनिया समशान बन जाती
गर मुक़म्मल इश्क़..........
बालेन्द्र शर्मा ‘अनंत’
15 फरवरी 2022
गर मुक़म्मल इश्क़ राधा की पहचान बन जाती
राजसी महलों में रहकर मीरा की शान बन जाती
तो हवायें छोड़ देतीं यूँ मुफ़त में ज़िंदगी देना
और बना साँसों के ये दुनिया समशान बन जाती
गर मुक़म्मल इश्क़..........
बालेन्द्र शर्मा ‘अनंत’