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बस यूं ही

3 जुलाई 2022

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.          *🦚बस यूं ही.... 🦚*


*दूसरों पर आरोप लगाने वाला स्वयं भी बेचैन रहता है,*

*सामान्य मनुष्य को यह लगता अवश्य है कि,*

 *दुष्ट प्रकृति के लोग बहुत प्रसन्न रहते हैं*

*पर यह सत्य नहीं होता।*

*दूसरे को सताने वाला या अनावश्यक ही दूसरे पर दोषारोपण करने वाला कभी स्वयं भी सुखी नहीं रहता।*

 *जब कोई मनुष्य दूसरे पर दोषारोपण करते हुए उसके अहित की बात सोचता है,*

*तब वह अपने अंदर भी बेचैनी का भाव लाता है।*

*अनेक बार देखा गया है कि जब कोई मनुष्य स्वयं अपराध या गलती करता है, तब वह उसका दोष स्वयं न लेकर दूसरे पर मढ़ता है।*

*उसके झूठे दोष से पीड़ित व्यक्ति की जो आह निकलती है* 

*वह निश्चित रूप से उस पर दुष्प्रभाव डालती है।*

*यह अलग बात है कि इस आह का दुष्प्रभाव तत्काल न दिखाई दे पर*

*कालांतर में उसका परिणाम अवश्य प्रकट होता है।*

 

*इसलिए कुछ भी अप्रिय कर्म करने से पहले सौ बार सोचना जरुरी है.....*



.             *निर्णय आपका*


.                     👏

 

.         *◆●स्वयं विचार करें​●◆*



.           ☘️ *शुभ रात्रि* 🌸.          *🦚बस यूं ही.... 🦚*

*दूसरों पर आरोप लगाने वाला स्वयं भी बेचैन रहता है,*
*सामान्य मनुष्य को यह लगता अवश्य है कि,*
*दुष्ट प्रकृति के लोग बहुत प्रसन्न रहते हैं*
*पर यह सत्य नहीं होता।*
*दूसरे को सताने वाला या अनावश्यक ही दूसरे पर दोषारोपण करने वाला कभी स्वयं भी सुखी नहीं रहता।*
*जब कोई मनुष्य दूसरे पर दोषारोपण करते हुए उसके अहित की बात सोचता है,*
*तब वह अपने अंदर भी बेचैनी का भाव लाता है।*
*अनेक बार देखा गया है कि जब कोई मनुष्य स्वयं अपराध या गलती करता है, तब वह उसका दोष स्वयं न लेकर दूसरे पर मढ़ता है।*
*उसके झूठे दोष से पीड़ित व्यक्ति की जो आह निकलती है*
*वह निश्चित रूप से उस पर दुष्प्रभाव डालती है।*
*यह अलग बात है कि इस आह का दुष्प्रभाव तत्काल न दिखाई दे पर*
*कालांतर में उसका परिणाम अवश्य प्रकट होता है।*

*इसलिए कुछ भी अप्रिय कर्म करने से पहले सौ बार सोचना जरुरी है.....*


.             *निर्णय आपका*

.                     👏
                                           
.         *◆●स्वयं विचार करें​●◆*


.           ☘️ *शुभ दोपहर* 🌸

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