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. *🦚बस यूं ही.... 🦚* *दूसरों पर आरोप लगाने वाला स्वयं भी बेचैन रहता है,* *सामान्य मनुष्य को यह लगता अवश्य है कि,* *दुष्ट प्रकृति के लोग बहुत प्रसन्न रहते हैं* *पर यह सत्य नहीं होता।* *दू