सुबह उठा तो देखा कि बात आज क्या है ? पत्ते खनक रहे हैं, चिड़िया चहक रहे है । सूरज की तेज से मैं पूछा कि राज क्या है ? भोर के महक का एहसास आज क्या है। अमराईयों के झुरमुट कोई बुला रहा है बहक गया है कोयल और गीत गा रहा है सरसों के फूल से मैं पूछा कि राज क्या है? संगीत की समां का अहसास आज क्या है ।
सुबह ............. दूर वन डगर से , कोई तो आ रही है । बन के दुल्हन टेसू स्वागत को जा रही है झूमी है सारी धरती झूमां भी आसमां है बसंत यामिनी का अहसास आज क्या है । सुबह उठा तो .............