26 सितम्बर 2015
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आज कल भरोषा तो सब ही तोड़ते ह जी
सत्य वचन सुनील जी
थैंक यू ji
सुन्दर विचार!
बहुत सुन्दर एवं सटीक !
वफ़ा की तलाश करते रहे हमबेबफाई में अकेले मरते रहे हम,नहीं मिला दिल से चाहने वालाखुद से ही बेबजह डरते रहे हम,लुटाने को हम सब कुछ लुटा देतेमुहब्बत में उन पर मिटते रहे हम,खुद दुखी हो कर खुश उन को रखातन्हाईयों में सांसे भरते रहे हम,वो बेवफाई हम से करते ही रहेदिल से उन पर मरते रहे हम|
शादी""करंट" के तार की तरह होती हैं...!!!सही जुड़ जाये तो सारा जीवन "रोशन"...!!!!औरगलत जुड़ जाये तो"जिंदगी" भर "झटके"...!!!
गरीब दूर तक चलता हैखाना खाने के लिए।अमीर मीलों चलता हैखाना पचाने के लिए।किसी के पास खाने के लिएएक वक्त की रोटी नहीं हैकिसी के पास खाने के लिएवक्त नहीं है।कोई लाचार हैइसलिए बीमार है।कोई बीमार हैइसलिए लाचार है।कोई अपनों के लिएरोटी छोड़ देता है।कोई रोटी के लिएअपनों को छोड़ देते है।ये दुनिया भी कितनी निरा
पहले जैसा रंग नहीं है जीवन की रंगोली में,जाने कितना ज़हर भरा है अब लोगों की बोली में !
उनका भरोसा मत करो,जिनका ख्यालवक्त के साथ बदल जाऐ ।भरोसा उनका करोजिनका ख्याल तब भीवैसा ही रहेजब आपका वक्त बदल जाऐ।