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बिन बात के ही

25 अक्टूबर 2021

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पिछले  तीन चार दिन से सुमित की दिनचर्या  अपनी पहले की तरह की दिनचर्या से बिल्कुल ही अलग थी।
सुबह सुबह जल्दी  बिस्तर छोड़ ना छोड़ ने से पहले देखना की कितने लोग🚶 जाग गए हैं , फिर एकाएक उठना और  एक सीधा साधा सा लड़का बन कर सबसे कम बाते करना ;
क्यू की वह अपनी ममेरी बहन की शादी में आया था।
हर कोई अपने रिस्तेदारो में अच्छा और  हर चीज मे अच्छा बना रहना चाहता है चाहे वह घर पर कैसे ही रहता हो।

अगर वह घर की तरह रहता तो उसके घर की व्यवस्था और रहने– खाने हर चीज की पोल खोल जाती।
आज रात में वह करीब एक बजे सोया फिर जल्दी सुबह उठ कर छत पर, बिस्तर पर ही लेटे– लेटे ही शादी देख रहा था!
पंडित जी के मंत्र और  वहां की चहल पहल ,
सात फेरो के साथ ही दोनों आज से  सात वचन के साथ
जीवन भर एक दूसरे के साथ हर खुशी और गम में साथ रहेंगे और सभी विवाह के कार्य पूर्ण होने के बाद, 
दुल्हन का रोना सभी जनों की आँख नम थी और  वही पर खड़ा हो कर सुमित, अंशुल और दीप  देख कर थोड़ा हँस रहे थे लेकिन हँस नहीं पा रहे थे 
फिर  कुछ देर तक बाते होती रही उसके बाद रिस्तेदारो का जाना हो गया।
सुमित को भी आज घर जाना था, 
अंकल के साथ;
मामी, मम्मी को बताया उनने कहा कि कल चले जाते ।
लेकिन अंकल को घर पर कुछ काम है ।

कुछ देर बाद चारों रेल्व स्टेशन को चल दिये


" यह सब इस इस कहानी का एक हिस्सा है इसके वगैर कहानी पूरी नहीं होती इस लिए यह बताना जरूरी था "
मुझे पता है की कुछ लोगों को यह  पसंद ना आये***********
***** जिन्दगी में जब हम किसी👤 से पहली बार मिलते हैं।
तब वह उतना ना तो जरूरी, याद आता है ।
और ना तो  वह हमें कितना पसंद है यह भी पता नहीं होता है ।

जब हम या वह हमसे दूर चला जाता हैं तब हमें या उसे पता या    एहसास होता है!✍✍✍ ।********************
^^^^^^^**************************^^^^^^^^^^^^^^
स्टेशन पर👆 पहुंचते ही वहां की चहल- पहल शुरू हो चुकी थी;
चाय वाले, समोसा वाले, मूंगफली वाले लोग🚶 
और लकड़ी बेचने वाले भी ट्रेन का ही इन्तजार कर रहे थे ।

सुमित की ट्रेन अपने निर्धारित समय से पूरे 10 मिनट लेट चल रही थी ।
बिलासपुर से भोपाल की और जाने वाली ट्रेन  प्लेटफार्म नंबर-2 पर 10:40 पर आएगी ।
धन्यवाद
टिकट लेने के बाद स्टेशन पर ही सुमित अंशुल दीप घूमने लगे । 
कुछ देर बाद: –
ट्रेन के आने का माहोल हो गया, और ट्रेन के आने के बाद उस पर जगह (सीट) का मिलना यह टेंशन ।
ट्रेन आई उस पर लिखा था बिलासपुर से भोपाल और सुमित ट्रेन के डिब्बे नंबर S4 थर्ड क्लास में बैठा
ट्रेन में बड़ी मुश्किल से सीट के ऊपर होनी वाली एक्स्ट्रा सीट पर बेठ गया और अंशुल दीप, अंकल जी को जगह नहीं मिली थी ।
ट्रेन रुकी हुई थी अभी भी लोग🚶आते जा रहे थे ।
कुछ देर बाद सुमित के सामने वाली ही ऊपरी सीट पर एक 7-8 साल के बच्चे को बैठा दिया किसी👤 ने फिर उसके बाद एक छोटा बेग. एक बड़ा बेग उसके बाद कुरकुरे का पैकेट फेंका ।
कुछ देर बाद एक हाथ उपरी सीट पर बैठने के लिए आया
हाथ मे बहुत ही सुंदर कंगन, नाखून पोलिस थे ।
एक लडकी मुंह बंधे हुए सिर्फ उसकी आँखे दिख रही थी ।
आँखे उसकी देखने पर  साउथ इंडियन एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना से कम नहीं थी।
सुमित और उसकी सीट के बीच एक सीट और थी जिस पर एक लड़का आकर बैठा वो भी उनके साथ ही था ।
कुछ देर बाद सुमित ने अपने अंकल से बेग मांगा और ऊपर रख लिया ।
फिर      उसने उस    लड़की की तरफ देखा  वह लड़की उस छोटे से बच्चे से बात कर रही थी ।
उस लड़के और सुमित के बीच आँखों से इशारों मे थोड़ी– थोड़ी बात होनी लगी ।
उस लड़की की भी आँखें सुमित को छुप कर देखती जब सुमित देखता तो वो आँखें झुका लेती वह देखती तो सुमीत थोड़ा मुस्कुरा देता।
सुमित इसलिए कि    भरी पड़ी  ट्रेन में    कुछ गलत समझ लिया तो; कुछ देर बाद उस लड़की ने पानी की बोतल अपनी माँ से मांगी पानी पीने के लिए उसने अपने मुँह से कपड़ा निकाला तो उस का चहरा साउथ एक्ट्रेस से मिलकर बना था।

उसके हैयर बिल्कुल ही कीर्ति सुरेश की तरह, नाक समंथा, गर्दन को देखने पर मेघा आकाश की तरह थी । उसकी क्यूट स्माइल की अदा पर तो समझो अदा शर्मा  की स्माइल ही फीकी ना पड़ जाए ।
सभी साउथ इंडियन एक्ट्रेस को मिलाकर जो चहरा बना वह था उस लडकी का👆 ।

उसको पानी पीते सुमित इस तरह से देख रहा था जैसे चकोर चांद को ।
उसके वाटर नीचे रखते ही सुमित की आँखें अंशुल की और देखने लगी क्योंकि वह यह देख ना ले की सुमित देख रहा है । लेकिन ऐसा नहीं हुआ जब  वह पानी पी रही तब  भी वह भी सुमित को देख रही थी ।
दोनों की आँखे अब एक दूसरे को छुप छुप कर देखने की वजह अब आमने सामने एक टुक देख रही थी ।
उस छोटे से लड़के से सुमित बाते करता; उस का मुस्कुराना 
********* ट्रेन के थर्ड क्लास वाले डिब्बे में सफर करने वाला सुमित उस समय ना तो अब के12-13 साल के बच्चों की तरह 17 साल की उम्र में उसके पास एंड्रॉयड फोन था और ना उस लडकी के पास । जो वे कभी एक दूसरे से कभी मिले बाते करे कितने ही दूर क्यू ना हो ।*****
उस लडकी को मालूम नहीं था कि अब सुमित को जहाँ जाना है वह स्टेशन आने वाली है ।
सुमित उस को हमेशा उसे देखता रहे यही चाहता था लेकिन यह मुमकिन ही नहीं था ; जिस लडकी का नाम ,पता 
कुछ मालूम नहीं है👈। वह 135 करोड़ की आबादी वाले देश कहा मिलेंगी।

कुछ देर बाद ही सुमित की स्टेशन आ गई, अंशुल दीप और अंकल  नीचे ही थे । सुमित को उतरने को कहा तो सुमित की आँखों में आंसू आ गए लेकिन बाहर दिखाई ना दे इस तरह के।
उस लडकी को अब पता चला कि उसकी और सुमित की जर्नी यही तक थी, सुमित ने उदास नजरों से उस की ओर देखा तो वो भी दुखी लग रही थी।
सुमित नीचे उतर आया; अंकल दूसरी ओर से उतरना चाहते थे लेकिन सुमित उसी लडकी की और से उतरना चाहता है ।
उस को जितना और देख सके उसे और देख ले फिर मुलाकात नहीं हो ।
दोनों ही यह सोच रहे थे👆👆 ।
सुमित की स्टेशन आने ही वाली थी और ट्रेन के पहिये से ज्यादा सुमित की धड़कन धड़क रही थी ।
और वही हुआ कुछ ही मिनट में आ भी गई ।
उस लडकी से 👆 कुछ भी बात ना हुई फिर भी उस से
**** बिन बात के ही** प्यार हो गया ।
वह बोलने  के लिए उसने अपनी माँ से कहा कि मम्मी पानी खत्म हो गया है इस स्टेशन से भर आयेगे हम ।
लेकिन ना तो यह स्टेशन इतनी बड़ी की यहाँ ट्रेन 5 मिनट से ज्यादा रुके, इस कारण उसकी माँ ने भी मना कर दी ।
यह ना तो कोई फिल्म थी और ना ही किसी फिल्म का कोई सीन जो एक लड़का लड़की से मिलने के लिए ट्रेन से उतर कर फिर जब ट्रेन चलने लगती हैं तो दोड कर ट्रेन पकड़ लेना ।
सुमित भी ऐसा ही करना चाहता था उसने अंकल से कहा कि अगली स्टेशन पर उतर जायेगे लेकिन अंकल नहीं माने ।
सुमित ट्रेन के इस सफ़र की यादे लेकर ट्रेन से उतर आया ।****************××××××××××××**************
"कुछ यादे ऐसे ही होती हैं कि एक मुलाकात की यादे याद कर के खुश होते रहते है👆👆 "
✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ पिछले  तीन चार दिन से सुमित की दिनचर्या  अपनी पहले की तरह की दिनचर्या से बिल्कुल ही अलग थी।
सुबह सुबह जल्दी  बिस्तर छोड़ ना छोड़ ने से पहले देखना की कितने लोग🚶 जाग गए हैं , फिर एकाएक उठना और  एक सीधा साधा सा लड़का बन कर सबसे कम बाते करना ;
क्यू की वह अपनी ममेरी बहन की शादी में आया था।
हर कोई अपने रिस्तेदा रो मै अच्छा और  हर चीज मे अच्छा बना रहना चाहता है चाहे वह घर पर कैसे ही रहता हो।

अगर वह घर की तरह रहता तो उसके घर की व्यवस्था और रहने– खाने हर चीज की पोल खोल जाती।
आज रात में वह करीब एक बजे सोया फिर जल्दी सुबह उठ कर छत पर, बिस्तर पर ही लेटे– लेटे ही शादी देख रहा था!
पंडित जी के मंत्र और  वहां की चाहर पहल ,
सात फेरो के साथ ही दोनों आज से  सात वचन के साथ
जीवन भर एक दूसरे के साथ हर खुशी और गम में साथ रहेंगे और सभी विवाह के कार्य पूर्ण होने के बाद, 
दुल्हन का रोना सभी जनों की आँख नम थी और  वही पर खड़ा हो कर सुमित, अंशुल और दीप  देख कर थोड़ा हँस रहे थे लेकिन हँस नहीं पा रहे थे 
फिर  कुछ देर तक बाते होती रही उसके बाद रिस्तेदारो का जाना हो गया।
सुमित को भी आज घर जाना था, 
अंकल के साथ;
मामी, मम्मी को बताया उनने कहा कि कल चले जाते ।
लेकिन अंकल को घर पर कुछ काम है ।

कुछ देर बाद चारों रेल्व स्टेशन को चल दिये


" यह सब इस इस कहानी का एक हिस्सा है इसके वगैर कहानी पूरी नहीं होती इस लिए यह बताना जरूरी था "
मुझे पता है की कुछ लोगों को यह  पसंद ना आये***********
***** जिन्दगी में जब हम किसी👤 से पहली बार मिलते हैं।
तब वह उतना ना तो जरूरी, याद आता है ।
और ना तो  वह हमें कितना पसंद है यह भी पता नहीं होता है ।

जब हम या वह हमसे दूर चला जाता हैं तब हमें या उसे पता या    एहसास होता है!✍✍✍ ।********************
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स्टेशन पर👆 पहुंचते ही वहां की चहल- पहल शुरू हो चुकी थी;
चाय वाले, समोसा वाले, मूंगफली वाले लोग🚶 
और लकड़ी बेचने वाले भी ट्रेन का ही इन्तजार कर रहे थे ।

सुमित की ट्रेन अपने निर्धारित समय से पूरे 10 मिनट लेट चल रही थी ।
बिलासपुर से भोपाल की और जाने वाली ट्रेन  प्लेटफार्म नंबर-2 पर 10:40 पर आएगी ।
धन्यवाद
टिकट लेने के बाद स्टेशन पर ही सुमित अंशुल दीप घूमने लगे । 
कुछ देर बाद: –
ट्रेन के आने का माहोल हो गया, और ट्रेन के आने के बाद उस पर जगह (सीट) का मिलना यह टेंशन ।
ट्रेन आई उस पर लिखा था बिलासपुर से भोपाल और सुमित ट्रेन के डिब्बे नंबर S4 थर्ड क्लास में बैठा
ट्रेन में बड़ी मुश्किल से सीट के ऊपर होनी वाली एक्स्ट्रा सीट पर बेठ गया और अंशुल दीप, अंकल जी को जगह नहीं मिली थी ।
ट्रेन रुकी हुई थी अभी भी लोग🚶आते जा रहे थे ।
कुछ देर बाद सुमित के सामने वाली ही ऊपरी सीट पर एक 7-8 साल के बच्चे को बैठा दिया किसी👤 ने फिर उसके बाद एक छोटा बेग. एक बड़ा बेग उसके बाद कुरकुरे का पैकेट फेंका ।
कुछ देर बाद एक हाथ उपरी सीट पर बैठने के लिए आया
हाथ मे बहुत ही सुंदर कंगन, नाखून पोलिस थे ।
एक लडकी मुंह बंधे हुए सिर्फ उसकी आँखे दिख रही थी ।
आँखे उसकी देखने पर  साउथ इंडियन एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना से कम नहीं थी।
सुमित और उसकी सीट के बीच एक सीट और थी जिस पर एक लड़का आकर बैठा वो भी उनके साथ ही था ।
कुछ देर बाद सुमित ने अपने अंकल से बेग मांगा और ऊपर रख लिया ।
फिर      उसने उस    लड़की की तरफ देखा  वह लड़की उस छोटे से बच्चे से बात कर रही थी ।
उस लड़के और सुमित के बीच आँखों से इशारों मे थोड़ी– थोड़ी बात होनी लगी ।
उस लड़की की भी आँखें सुमित को छुप कर देखती जब सुमित देखता तो वो आँखें झुका लेती वह देखती तो सुमीत थोड़ा मुस्कुरा देता।
सुमित इसलिए कि    भरी पड़ी  ट्रेन में    कुछ गलत समझ लिया तो; कुछ देर बाद उस लड़की ने पानी की बोतल अपनी माँ से मांगी पानी पीने के लिए उसने अपने मुँह से कपड़ा निकाला तो उस का चहरा साउथ एक्ट्रेस से मिलकर बना था।

उसके हैयर बिल्कुल ही कीर्ति सुरेश की तरह, नाक समंथा, गर्दन को देखने पर मेघा आकाश की तरह थी । उसकी क्यूट स्माइल की अदा पर तो समझो अदा शर्मा  की स्माइल ही फीकी ना पड़ जाए ।
सभी साउथ इंडियन एक्ट्रेस को मिलाकर जो चहरा बना वह था उस लडकी का👆 ।

उसको पानी पीते सुमित इस तरह से देख रहा था जैसे चकोर चांद को ।
उसके वाटर नीचे रखते ही सुमित की आँखें अंशुल की और देखने लगी क्योंकि वह यह देख ना ले की सुमित देख रहा है । लेकिन ऐसा नहीं हुआ जब  वह पानी पी रही तब  भी वह भी सुमित को देख रही थी ।
दोनों की आँखे अब एक दूसरे को छुप छुप कर देखने की वजह अब आमने सामने एक टुक देख रही थी ।
उस छोटे से लड़के से सुमित बाते करता; उस का मुस्कुराना 
********* ट्रेन के थर्ड क्लास वाले डिब्बे में सफर करने वाला सुमित उस समय ना तो अब के12-13 साल के बच्चों की तरह 17 साल की उम्र में उसके पास एंड्रॉयड फोन था और ना उस लडकी के पास । जो वे कभी एक दूसरे से कभी मिले बाते करे कितने ही दूर क्यू ना हो ।*****
उस लडकी को मालूम नहीं था कि अब सुमित को जहाँ जाना है वह स्टेशन आने वाली है ।
सुमित उस को हमेशा उसे देखता रहे यही चाहता था लेकिन यह मुमकिन ही नहीं था ; जिस लडकी का नाम ,पता 
कुछ मालूम नहीं है👈। वह 135 करोड़ की आबादी वाले देश कहा मिलेंगी।

कुछ देर बाद ही सुमित की स्टेशन आ गई, अंशुल दीप और अंकल  नीचे ही थे । सुमित को उतरने को कहा तो सुमित की आँखों में आंसू आ गए लेकिन बाहर दिखाई ना दे इस तरह के।
उस लडकी को अब पता चला कि उसकी और सुमित की जर्नी यही तक थी, सुमित ने उदास नजरों से उस की ओर देखा तो वो भी दुखी लग रही थी।
सुमित नीचे उतर आया; अंकल दूसरी ओर से उतरना चाहते थे लेकिन सुमित उसी लडकी की और से उतरना चाहता है ।
उस को जितना और देख सके उसे और देख ले फिर मुलाकात नहीं हो ।
दोनों ही यह सोच रहे थे👆👆 ।
सुमित की स्टेशन आने ही वाली थी और ट्रेन के पहिये से ज्यादा सुमित की धड़कन धड़क रही थी ।
और वही हुआ कुछ ही मिनट में आ भी गई ।
उस लडकी से 👆 कुछ भी बात ना हुई फिर भी उस से
**** बिन बात के ही** प्यार हो गया ।
वह बोलने  के लिए उसने अपनी माँ से कहा कि मम्मी पानी खत्म हो गया है इस स्टेशन से भर आयेगे हम ।
लेकिन ना तो यह स्टेशन इतनी बड़ी की यहाँ ट्रेन 5 मिनट से ज्यादा रुके, इस कारण उसकी माँ ने भी मना कर दी ।
यह ना तो कोई फिल्म थी और ना ही किसी फिल्म का कोई सीन जो एक लड़का लड़की से मिलने के लिए ट्रेन से उतर कर फिर जब ट्रेन चलने लगती हैं तो दोड कर ट्रेन पकड़ लेना ।
सुमित भी ऐसा ही करना चाहता था उसने अंकल से कहा कि अगली स्टेशन पर उतर जायेगे लेकिन अंकल नहीं माने ।
सुमित ट्रेन के इस सफ़र की यादे लेकर ट्रेन से उतर आया ।****************××××××××××××**************
"कुछ यादे ऐसे ही होती हैं कि एक मुलाकात की यादे याद कर के खुश होते रहते है👆👆 "
✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ 

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Bahut hi shandar likha aapne 👌👌👌👏👌👌👏

11 नवम्बर 2021

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