जवानी
में बिछड़े दो दोस्त बुढ़ापे में एक खेल के मैदान में मिले। गले मिलते हुए सीढ़ियों पर फिसल गये।
वहीँ
बैठे-बैठे एक ने पूछा, "तूने कितना धन कमाया है?"
"ज्यादा
नहीं बस गुजारा हो जाता है।"
"इसका
मतलब जिंदगी ईमानदारी में गुजार दी। कमाने के लिये कहीं न कहीं बेईमानी की
बुनियाद रखनी भी ज़रूरी होती है" पहला हँसते हुए बोला।
दोनों खड़े हुए लेकिन गिरने के कारण लंगड़ाये, यह देख पहले के सचिव ने उसे एक सोने की छड़ी थमा दी और
दूसरे का बेटा उसको अपने कंधे का सहारा दे कर ले चला।