shabd-logo

चल रे मन एक बार तो साथ चल

17 जुलाई 2020

330 बार देखा गया 330

चल रे मन एक बार तो साथ चल

बहुत बदला सा लगता है तु

बहुत सहमा सा लगता है तु

मेरा होकर भी क्यू पराये सा लगता है तु

कल पर मत छोड़ तु आज चल

चल रे मन एक बार तो साथ चल

बहुत भागा तु मुझे छोड़कर

सीमाओ की सारी दीवारे तोड़कर

अब न भाग मेरे साथ रह

कहता हु तुझसे मै हाथ जोडकर

अब मेरे साथ बनके बेदाग़ चल

चल रे मन एक बार तो साथ चल

तुझे ब ॉ ध कर रखु तो रखु कैसे

बिन बंधन के तुझे मै ब ॉ धू कैसे

क्यू इतना रूठा है तु मुझसे

ये तो बता तुझे मै मनाऊ कैसे

भूल कर सारी रंजिश मुस्कुरा के चल

चल रे मन एक बार तो साथ चल

हर तरफ भागना तेरा काम है

हर महफ़िल में पड़ा तेरा जाम है

तेरे बिना तो कुछ भी नही

हर सय में तेरा बड़ा नाम है

तु तो चंचल मत मेरे नाम से जल

चल रे मन एक बार तो साथ चल

MOHAMMAD NASIM की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए